ईरान में बेहद टाइट इंटरनेट सेंसरशिप है, यहां के नागरिकों की सर्चिंग पर नेशनल आईडी के जरिए निगाह रखी जाती है।
ईरान उन कुछ देशों में से एक है जो अंतरराष्ट्रीय निंदा के बावजूद अभी भी नाबालिगों को फांसी देता है।
ईरान में लड़कियों की शादी की उम्र 13 साल है। उन्हें इसके लिए मजबूर भी किया जाता है। वहीं 15 साल की उम्र के लड़कों को सेना में जाने के लिए प्रेशर बनाया जाता है।
महिलाओं को बंदिशों में रखा जाता है। किसी भी काम के लिए पति, पिता, भाई से परमिशन ली जानी जरुरी है।
ईरान में ड्रग्स सप्लाई से जुड़े क्राइम, व्यभिचार ( adultery) और ईशनिंदा ( धर्म की निंदा) जैसे अहिंसक अपराधों के लिए मौत की सजा दी जाती है।
ईरान पर सीक्रेट एटॉमिक हथियार डेव्लप करने का आरोप लगाया गया है, इसकी वजह से अमेरिका-इजरायल के साथ उसका लगातार तनाव बढ़ रहा है।
ईरान पर आरोप है कि वो फलस्तानी, सीरिया और दूसरे तनावग्रस्त इलाकों में लड़ाकों की मदद करता है। जिससे आतंकवादियों के हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं
ईरान में किसी भी शख्स को मनमाने ढंग से गिरफ्तार कर लिया जाता है। यहां अक्सर न्याय मांगने वालों का सीक्रेट मर्डर हो जाता है। ईरान का मानवाधिकार रिकॉर्ड बेहद खराब है।
ईरान में पानी की बहुत कमी है। यहां वायु प्रदूषण भी तेजी से बढ़ा है। जमीन मरुस्थल होती जा रही है। पर्यावरणीय मुद्दों का भी सामना ईरान कर रहा है।
ईरान में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं। यहां इस्लाम के अलावा दूसरे प्राचीन सांस्कृतिक विरासत स्थलों को नष्ट कर दिया है, इससे पूरी दुनिया में भारी आक्रोश है।