झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज (Jhansi Hospital Fire Child Death ) के NICU में 15 नवंबर की रात 10 नवजात बच्चों की जलने से मौत हो गई।
ये कोई पहली घटना नहीं है, इससे पहले भारत के कई अस्पतालों में ऐसे दुखद अग्निकांड हो चुके हैं, जिसमें दर्जनों बच्चों ने दुनिया देखने से पहले ही यहां से विदा ले ली है।
शहर के सबसे बड़े सरकारी हास्पिटल में शॉर्ट सर्किट की वजह से भीषण आग लग गई थी। इसमें जलकर 10 लोगों की मौत हो गई थी ।
राष्ट्रीय राजधानी में इलेक्ट्रिक सप्लाई में आई खामी की वजह से आग लग गई थी, इसमें 7 नवजात शिशुओं की जान चली गई थी।
ICU में आग लगने की वजह से कई लोग घायल हो गए थे, यहां भी सिस्टम पर अत्यधिक लोड की वजह से ऐसे हालात बने थे।
एयर कंडीशनिंग यूनिट में भड़की आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था। इस घटना में 15 लोगों की मौत हो गई थी।
वेंटिलेटर में टेम्परेचर बढ़ने की वजह से आग लग गई थी। लाखों की संपत्ति का नुकसान हुआ था। कई दिनों तक मेजीकल सेवाएं शुरु नहीं हो पाई थीं।
यहां भी इलेक्ट्रिक सप्लाई में फाल्ट की वजह से आग लग गई थी, 3 मरीजों की मौत हो गई थी।
आईसीयू में हाई लेवल ऑक्सीजन लेवल और flammable substances की वजह से अचानक आग भड़क गई थी। इसमें 16 मरीजों और 2 नर्सों की मौत हो गई थी।
सरकारी हॉस्पिटल में आग भड़कने से अफरा- तफरी का माहौल बन गया था। हालांकि इसमें कोई जान नहीं गई थी।
शॉर्ट सर्किट की वजह से सरकारी हास्पिटल में आग लग गई थी। हालांकि किस प्रकार की जनहानि नहीं हुई थी।