यूपी के बहराइच और आसपास के इलाकों में भेड़िआ नरभक्षी हो गए हैं। अब तक 9 बच्चों समेत 10 लोगों को निवाला बना चुका है।
भेड़िये मांसाहारी जीव हैं। जंगल में उनके इलाके में शेर भी एंट्री नहीं करते, वे सबसे बड़े शिकारी माने जाते हैं।
भेड़िये झुंड में रहना पसंद करते हैं। वे जंगल में एक दूसरे से बात करने के लिए ऊंची हुंकार भरते हैं। उनका गुर्राहट 10 मील दूर तक सुन सकते हैं।
भेड़िये अपने बच्चों को शिकार करना सिखाते हैं। वे अपने झुंड के घायल भेड़ियों की देखभाल करते हैं और फैमिली की भी जिम्मेदारी संभालते हैं ।
.भेड़िये बेहद तेज गति से दौड़ सकते हैं, उनकी स्पीड 55 से 70 किलोमीटर प्रति घंटा होती है।
भेड़िये एक बार में 5 मीटर ऊंची छलांग लगा सकते हैं। इसके मुंह में 42 नुकीले दांत होते हैं, जिससे वो शिकार करता है।
भेड़िये का पंजा का 4 इंच चौड़ा और 5 इंच लंबा होता है। वो एक झपट्टे में शरीर के बड़े हिस्से का मांस नोंच लेता है।
भेड़िये की लेंथ 4.5-6.5 फ़ीट तक होती है, औसत वज़न 60-110 पाउंड के बीच होता है।
भेड़िये की खाल का कलर ग्रे होता है, हालांकि ये ब्लैक या व्हाइट भी हो सकता है।
भेड़िये बहुत दूर से स्पष्ट सुन सकता है। उसकी सूंघने की क्षमता बहुत अच्छी होती है।
भारत में भेड़ियों की दो प्रजातियां पाई जाती हैं। ग्रे भेड़िया (canis lupus pallipes) और हिमालयी भेड़िया या तिब्बती भेड़िया ( canis lupus chanko) ।