अमेरिका का गेराल्ड आर. फोर्ड क्लास (The Gerald R. Ford Class) दुनिया का सबसे बड़ा और एडवांस एयरक्राफ्ट कैरियर है। 1 लाख टन के इस जहाज पर 75 विमान रखे जा सकते हैं।
US के निमित्ज क्लास एयरक्राफ्ट कैरियर की गिनती सबसे बड़े युद्धपोत में होती है। वजन 97 हजार टन है। परमाणु ऊर्जा से चलने वाले इस पोत को बिना फिर से इंधन भरे 20 साल चला सकते हैं।
चीन का सीएनएस फुजियान (टाइप 003) 2022 में लॉन्च किया गया था। 80 हजार टन के इस युद्धपोत पर Gerald R. Ford Class की तरह इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एयरक्राफ्ट लॉन्च सिस्टम लगा है।
यूके का क्वीन एलिजाबेथ क्लास (Queen Elizabeth Class) 65 हजार टन का है। यह 40 विमानों को संभाल सकता है। इसमें F-35B स्टील्थ फाइटर शामिल हैं।
रूस का 5. एडमिरल कुजनेत्सोव (Admiral Kuznetsov) एयरक्राफ्ट कैरियर 58500 टन का है। इसपर Su-33 और MiG-29K लड़ाकू विमान के साथ हेलीकॉप्टर रखे जाते हैं।
चीन का शेडोंग (टाइप 002) एयरक्राफ्ट कैरियर 2019 में लॉन्च हुआ था। यह 66000 टन का है। इसपर विमानों के उड़ान भरने के लिए स्की-जंप सिस्टम लगा है।
चीन का लिओनिंग (टाइप 001) एयरक्राफ्ट कैरियर 58000 टन का है। यह मूल रूप से रूस का Kuznetsov-class कैरियर है। चीन ने इसे खरीदा और अपग्रेड किया था।
आईएनएस विक्रमादित्य (INS Vikramaditya) भारतीय नौसेना का एयरक्राफ्ट कैरियर है। इसे रूस के Kiev-class cruiser को सुधारकर बनाया गया है। इसपर लड़ाकू विमान MiG-29K तैनात होते हैं।
चार्ल्स डी गॉल (R91) फ्रांस का एयरक्राफ्ट कैरियर है। यह US नेवी के बाहर एकमात्र परमाणु ऊर्जा से चलने वाला युद्धपोत है। इसपर 40 विमान रखे जाते हैं।
आईएनएस विक्रांत भारत का एयरक्राफ्ट कैरियर है। यह 2024 में कमिशन हुआ। 40 हजार टन के इस युद्धपोत पर 40 विमानों को रखा जा सकता है।