खुद को दुनिया का बादशाह समझने वाले अमेरिका को शिया बहुत मुस्लिम देश ईरान ने बिल्कुल भाव नहीं दिया है। ईरान ने परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका की मांग ठुकरा दी है।
दरअसल, परमाणु प्रोग्राम को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चिट्ठी लिखी थी। इस पर उसने अमेरिका से सीधी बातचीत करने से मना कर दिया है।
वहीं, ईरान ने न्यूक्लियर प्रोग्राम पर बातचीत के लिए अमेरिका के सामने शर्त रखी है कि वो किसी मध्यस्थ देश के जरिये ही उससे इस मुद्दे पर बात करेगा।
सूत्रों के मुताबिक, ईरान ने परमाणु कार्यक्रम के लिए अमेरिका से जिस मध्यस्थ के जरिये बातचीत की शर्त रखी है, उसका नाम तुर्की, मिस्र या जॉर्डन नहीं बल्कि ओमान है।
इसके साथ ही ईरान ने इराक, कुवैत, UAE, कतर, तुर्की और बहरीन जैसे देशों को चेतावनी देते हुए कहा है कि इनमें से किसी ने ईरान पर अमेरिकी हमले का समर्थन किया तो ठीक नहीं होगा।
हमले के दौरान अगर अमेरिकी सेना इनमें से किसी भी मुस्लिम देश की जमीन का इस्तेमाल करती है, तो उसे शत्रुतापूर्ण काम माना जाएगा। इसके गंभीर नतीजे होंगे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका और इजराइल से बढ़ते तनाव के बीच ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने अपनी सेनाओं को हाई अलर्ट पर रखा है।
बता दें कि परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिकी सुझाव को नकार चुके ईरान को डोनाल्ड ट्रंप ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि उस पर ऐसी बमबारी होगी, जो इतिहास में कभी नहीं हुई।