भारत ने कनाडा को उसके 41 डिप्लोमैट्स को तत्काल प्रभाव से वापस बुलाने का अल्टीमेटम दिया था, जिसके बाद कनाडा ने इन्हें हटा लिया है।
भारत द्वारा सख्त कदम उठाए जाने से कनाडा बुरी तरह तिलमिलाया हुआ है। कनाडा के पूर्व राजनियक गार पार्डी का कहना है कि पिछले 40-50 साल में हमारे साथ ऐसा किसी ने नहीं किया।
कनाडा के पूर्व राजनयिक पार्डी ने कहा कि कनाडाई राजनयिकों को देश छोड़ने के लिए कहना कोई सामान्य घटना नहीं है। बता दें कि अब भारत में 21 कनाडाई राजनयिक रह गए हैं।
वहीं, कनाडा की विदेश मंत्री मेलोनी जोली ने कहा- अपने डिप्लोमैट्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमने भारत से उनकी वापसी करा ली है।
कनाडा की विदेश मंत्री ने कहा- जिन राजनयिकों को भारत हटा रहा है, कभी उन्हें खुद राजनयिक के तौर पर मान्यता दी थी। हमारे सभी राजनयिक दोनों देशों के लाभ के लिए काम कर रहे थे।
कनाडा की विदेश मंत्री ने कहा- किसी भी देश के राजनयिकों के अधिकारों को अचानक खत्म करना अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है। हमें भारत से इस तरह की कतई उम्मीद नहीं थी।
कनाडा की विदेश मंत्री ने कहा- ये साफतौर पर दोनों देशों के बीच राजनयिकों संबंधों के लिए बने विएना कन्वेंशन का उल्लंघन है। इस तरह से छूट छीनना बेवजह विवाद को बढ़ावा देना है।
बता दें कि भारत ने 3 अक्टूबर को कनाडा को सख्त चेतावनी दी थी कि कनाडा अपने राजनयिकों की संख्या कम करे, वरना उन्हें मिल रही सभी तरह की छूट खत्म कर दी जाएगी।
इस विवाद की शुरुआत तब हुई थी, जब 18 सितंबर को कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो ने खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के लोगों के शामिल होने की बात कही थी।