10-14 फरवरी तक बेंगलुरु में Aero India एयर शो होने वाला है। इसमें पांचवीं पीढ़ी का अमेरिकी लड़ाकू विमान F-35 शामिल होगा। चर्चा है कि क्या भारत इसे खरीदेगा।
F-35 विमान बेहद महंगा है। एक विमान खरीदने पर 100 मिलियन से 400 मिलियन डॉलर (865.36 करोड़ से 3461 करोड़ रुपए) तक खर्च करने पड़ सकते हैं।
एक F-35 विमान के लिए 100 मिलियन डॉलर भी देना पड़े तो इतने में 80 से ज्यादा रोल्स रॉयस कारें खरीदी जा सकती हैं।
F-35 विमान की कीमत तय नहीं है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि खरीद कौन देश रहा है। उसके अमेरिका से कैसे संबंध हैं। विमान से कितने हथियार और सुविधाएं ली जा रही हैं।
F-35 विमान की संख्या भी कीमत पर असर डालती हैं। अधिक विमान हो तो कीमत कम होगी। इसी तरह अगर कम विमान हो तो प्रति जेट अधिक पैसे देने होते हैं।
सैन्य विश्लेषकों के अनुसार F-35 लड़ाकू जेट की प्रति इकाई कीमत में रखरखाव और समर्थन लागत भी शामिल है। यह 100 मिलियन डॉलर से 400 मिलियन डॉलर तक होती है।
इस समय F-35 के चार वैरिएंट इस्तेमाल हो रहे हैं। F-35A, F-35B, F-35C और F-35I ‘Adir’। सभी की कीमत में अंतर है।
एक F-35A 110.3 मिलियन डॉलर, F-35B $135.8 मिलियन डॉलर, F-35C $117.3 मिलियन डॉलर और F-35I ‘Adir’ $120 मिलियन डॉलर का है।
F-35 इंजन की औसत लागत लगभग 19.7 मिलियन डॉलर (169 करोड़ रुपए) है। कोई देश जितने ज्यादा F-35 इंजन खरीदेगा, प्रति यूनिट लागत उतनी कम होगी।
F-35 को उड़ाने में प्रति घंटे 38,000 डॉलर (32.88 लाख रुपए) का खर्च आता है। इंधन में ही प्रति घंटे 3,000 से 3,500 डॉलर खर्च हो जाते हैं।
F-35A की सालाना रखरखाव लागत 4.1 मिलियन डॉलर, F-35B की 6.8 मिलियन डॉलर और F-35C की 7.5 मिलियन डॉलर होने का अनुमान है।