ब्राजील में आयोजित 2 दिनी जी20 सम्मेलन खत्म हो चुका है। 18-19 नवंबर को रियो डि जेनेरियो में आयोजित इस सम्मेलन में तमाम राष्ट्राध्यक्षों ने हिस्सा लिया।
मोदी ने ब्रिटिश PM स्टॉर्मर, फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों, इटली की पीएम मेलोनी, इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुबिआंतो, नॉर्वे के पीएम जोनास स्टोर और पुर्तगाल के PM मोंटेनेग्रो से बात की।
जी 20 समिट में यूक्रेन जंग पर बात हुई। हालांकि, रूस का नाम लिए बिना शांति की अपील की गई।
इसके अलावा मिडिल-ईस्ट में चल रहे संघर्ष, खासकर गाजा और लेबनान में सीजफायर को लेकर अपील की गई। साथ ही नागरिकों को सुरक्षा देने पर फोकस किया गया।
अरबपतियों पर 2 प्रतिशत टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा गया। हालांकि, अर्जेंटीना ने इस पर विरोध जताया।
2030 तक दुनिया के 50 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने का लक्ष्य रखा गया।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार की मांग की गई। इसके लिए अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई देशों को प्रतिनिधित्व देने की मांग की गई।
PM मोदी ने G20 समिट के पहले दो सेशन में 'भुखमरी और गरीबी के खिलाफ एकजुटता' और 'सरकारों के कामकाज में सुधार' पर सुझाव दिए।
PM मोदी ने अपनी स्पीच में कहा- जंग के चलते पूरी दुनिया में खाने का संकट पैदा हुआ है। इसका सबसे ज्यादा असर गरीब देशों पर पड़ रहा है।
भारत-चीन के विदेश मंत्रियों की मुलाकात में कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर शुरू करने, दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान शुरू करने को लेकर बातचीत हुई।
2025 में G20 की मेजबानी दक्षिण अफ्रीका को मिली है। बता दें कि 2022 में जी20 का आयोजन इंडोनेशिया, 2023 में भारत और 2024 में ब्राजील में किया गया।