2021 में म्यांमार अराजकता की चपेट में आ गया था। सैन्य तख्तापलट ने आंग सान सू की सरकार उखाड़ दी और नागरिकों का विरोध-प्रदर्शन होने लगा। अब यह सशस्त्र प्रतिरोध में बदल गया है।
2023 के अंत में उत्तरी आक्रमण बाद विद्रोहियों ने चीन साथ उत्तरपूर्वी सीमा पर कस्बों-गांवों में नियंत्रण कर लिया। 2024 में देश का गृह युद्ध खराब हो सकता है, दुनिया की नजर बनी हुई है
अफ़्रीका के अशांत साहेल क्षेत्र के देश माली में 2023 में तनाव बढ़ा और अब गृहयुद्ध छिड़ने का ख़तरा है। पूरा देश लंबे समय से विद्रोही गतिविधियों से जूझ रहा है।
कथित तौर पर रूस के वैगनर समूह समर्थित सेना ने उत्तरी शहर किडाल पर नियंत्रण कर लिया है। 2012 से तुआरेग का कब्जा था। 2015 शांति समझौता खत्म हो गया है, 2024 में अस्थिरता बढ़ सकती है।
2019 में लेबनान में विद्रोह शुरू हुआ। सरकार में फेरबदल, बढ़ते आर्थिक संकट से स्थिति बिगड़ी है। 1 साल से ज्यादा समय से राष्ट्रपति पद खाली है। सत्ता व्यवस्था के कमजोर होने का खतरा है
इजरायल-हमास युद्ध के लेबनान तक फैलने की आशंका है। ये हिजबुल्लाह का घर है, जो वहां की आर्थिक सुधार की आशा पर्यटन को खतरे में डालता है,जो 2024 में आर्थिक-राजनीतिक पतन कर सकता है।
2022 में प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से बेदखल कर गिरफ्तार कर लिया गया। जिसके बाद हिंसक प्रदर्शन हुए। अब पड़ोसी अफगानिस्तान में अस्थिरता और आतंकी हमले से पाकिस्तान जूझ रहा है।
2022 की विनाशकारी बाढ़ के बाद आर्थिक स्थिति दयनीय है। फरवरी 2024 में संसदीय चुनाव होने हैं। ऐसे में सरकार बदलने की उम्मीद है। जानकारों का कहना है कि इससे अशांति फैल सकती है।
2022 से र्थिक संकट है। ईंधन, भोजन की भारी कमी हो गई। विरोध के चलते तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को भागना पड़ा। नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंह ने फैसले लिए लेकिन नाकाफी हैं।
2024 के अंत तक श्रीलंका में चुनाव हैं। विक्रमसिंह के दोबारा सत्ता में आने की संभावना है लेकिन जनता के बीच भरोस उन्हें लेकर भरोसा कम है। ऐसे में असंतोष नए सिरे से शुरू हो सकता है।