भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में बैरिस्टर जॉर्ज जोसेफ का नाम अदब से लिया जाता है। उन्होंने इंग्लैंड से कानून की पढ़ाई की थी लेकिन भारत में जनजातियों के खिलाफ होने वाले अत्याचार को लेकर वे मुखर थे।
भारतीय क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त (Revolutionary Batukeshwar Dutt) उन क्रांतिकारियों में से थे, जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत (British Rule) को सीधे चुनौती दी थी। बटुकेश्वर दत्त ने सरदार भगत सिंह के साथ मिलकर दिल्ली असेंबली में बम धमाका किया था।
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान दक्षिण भारत की बहादुर रानी चेन्नम्मा ने अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध लड़ा और शहीद हो गईं। उनकी इस शहादत को पूरा देश नमन करता है। रानी चेन्नम्मा ने भारतीय जनमानस को अंग्रेजों के खिलाफ करने में बड़ी भूमिका निभाई।
दक्षिण पश्चिम मानसून की सक्रियता से देश के अधिकांश राज्यों में बारिश हो रही है, लेकिन यूपी-झारखंड कम बारिश को लेकर चिंतित है। मानसूनी की बेरुखी के कारण किसान बोवनी को लेकर परेशान हैं। इधर, गुजरात में ज्यादातर बांध पर्याप्त भर चुके हैं।
18वीं शताब्दी में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन पूरे देश में फैल चुका था। दक्षिण भारतीय राज्यों में पॉलीमरों का विद्रोह अंग्रेजी हूकूमत के लिए मुसीबत बन गई थी। पॉलीमरों ने कई वर्षों तक अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी और संघर्ष करते रहे।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम (Freedom Fight) में कई वीरांगनाओं ने अपने प्राणों की आहुति दी है। उन्हीं में से एक हैं दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य की रानी अब्बक्का, जिन्होंने पुर्तगालियों के साथ युद्ध लड़ा था।
नागा नेता हैपौ जादोलंग मलंगमे ने अंग्रेजी राज के खिलाफ लड़ाई की थी। जादोनांग ने नागा युवकों के एक सशस्त्र समूह रिफेन का गठन किया था। इम्फाल जेल के पीछे नंबुल नदी के किनारे उन्हें फांसी पर लटका दिया गया था।
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान देश के हर तबके ने अपनी भूमिका निभाई। भारत की कई क्रांतिकारी महिलाओं ने हंसते-हंसते अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। ऐसी ही कुछ भारतीय महिलाओं के बारे में हम जानकारी दे रहे हैं।
आजादी के 75 साल का जश्न (Azadi ka amrut mahotsav) भारत सरकार आजादी का अमृत महोत्सव के नाम से मना रही है। इसी क्रम में एशियानेट न्यूज (Asianet News) ने भी अमृत महोत्सव यात्रा शुरू की है। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत (Governor) ने हरी झंडी दिखाकर यात्रा को रवाना किया।
हमारा देश आजादी के 75 साल का जश्न मना रहा है लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए न जाने कितने लोगों ने भारतीय स्वतंत्रता के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया था। उन्हीं में से एक थे देश के मशहूर उद्यमी जमनालाल बजाज।