
उज्जैन. आपको बता दें कि अमरनाथ धाम (Amarnath Dham) जम्मू-कश्मीर में हिमालय की गोद में स्थित एक पवित्र गुफा है, जो हिंदुओं का सबसे पवित्र स्थल है। यहां हर साल प्राकृतिक रूप से बर्फ से शिवलिंग का निर्माण होता है, जिसके दर्शन करने के लिए देश भर से लाखों भक्त वहां जाते हैं। बर्फ से निर्माण होने के चलते इस शिवलिंग को बाबा बर्फानी भी कहते हैं। इस पवित्र स्थान का वर्णन 12वीं सदी में लिखी गई राजतंरगिनी पुस्तक में भी मिलता है। आगे जानिए अमरनाथ यात्रा से जुड़ी खास बातें…
ऐसी है बाबा अमरनाथ की गुफा, जहां देते हैं बाबा बर्फानी दर्शन
- बाबा अमरनाथ की गुफा बर्फीले पहाड़ों से घिरी हुई है। गर्मियों के कुछ दिनों को छोड़कर यह गुफा हमेशा बर्फ से ढंकी रहती है। इसलिए सिर्फ इन दिनों में ही यह गुफा तीर्थयात्रियों के दर्शन के लिए खुली रहती है।
- यहां हर साल प्राकृतिक रूप से बर्फ का शिवलिंग बनता है। इस पवित्र गुफा की लंबाई 19 मीटर, चौड़ाई 16 मीटर और ऊंचाई 11 मीटर है। यह शिवलिंग चंद्रमा की रोशनी के साथ बढ़ता और घटता रहता है।
- श्रावण शुक्ल पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन पर शिवलिंग पूर्ण आकार में होता है और उसके बाद आने वाली अमावस्या तक इसका आकार घट जाता है। इसी शिवलिंग के दर्शन के लिए हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु अमरनाथ की यात्रा करते हैं।
ये है अमरनाथ गुफा से जुड़ी रोचक कथा
- पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार माता पार्वती के कहने पर भगवान शिव अमरता की कथा सुनाने को तैयार हुए। इसके लिए उन्होंने एक ऐसी गुफा चुनी, जहां कोई और इस कथा को न सुन सके।
- अमरनाथ गुफा पहुंचने से पहले शिवजी ने नंदी, चंद्रमा, शेषनाग और गणेशजी को अलग-अलग स्थानों पर छोड़ दिया और उसके बाद गुफा में देवी पार्वती को अमरता की कथा सुनाई।
- कबूतर के जोड़े ने भी ये कथा सुन ली और वे भी अमर हो गए। अंत में, शिव और पार्वती अमरनाथ गुफा में बर्फ से बने लिंग रूप में प्रकट हुए, जिनका आज भी प्राकृतिक रूप से निर्माण होता है।
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