Amavasya 2022: 31 मार्च और 1 अप्रैल को चैत्र मास की अमावस्या, जानिए किस दिन करें श्राद्ध और किस दिन स्नान-दान?

हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने के कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन की तिथि अमावस्या (Amawasya 2022) होती है। इसके बाद से शुक्ल पक्ष शुरू होता है। इस बार चैत्र मास की अमावस्या तिथि एक नहीं बल्कि 2 दिन रहेगी।
 

Manish Meharele | Published : Mar 29, 2022 3:50 AM IST / Updated: Mar 29 2022, 09:25 AM IST

उज्जैन. चैत्र मास की अमावस्या तिथि का आरंभ 31 मार्च, गुरुवार को दोपहर लगभग 12.22 पर होगा और ये तिथि 1 अप्रैल, शुक्रवार को सुबह लगभग 11.54 तक रहेगी। इसलिए दोनों ही दिन अमावस्या तिथि मान्य रहेगी। अमावस्या (Chaitra Amawasya 2022) को धर्म ग्रंथों में पर्व कहा गया है। ये तिथि पितरों की पूजा के लिए खास मानी जाती है। इसलिए इस दिन पितरों की विशेष पूजा करने से सुख और समृद्धि बढ़ती है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में आ जाते हैं। इन दोनों के ग्रहों के बीच का अंतर 0 डिग्री हो जाता है।

ये भी पढ़ें- हिंदू कैलेंडर की पहली नवरात्रि 2 अप्रैल से, क्या आप जानते हैं साल में कितनी बार आती है नवरात्रि?

2 अमावस्या, किस दिन क्या करें…
ज्योतिषियों के अनुसार, 31 मार्च, गुरुवार को अमावस्या तिथि दोपहर 12.22 बजे बाद शुरू होगी। जो 1 अप्रैल की सुबह करीब 11.54 तक रहेगी। इसलिए पितरों की शांति के लिए किए जाने वाले श्राद्ध, तर्पण कार्य 31 मार्च को किए जा सकेंगे। अमावस्या से संबंधित पूजन आदि भी इसी दिन की जा सकती है।  
जबकि 1 अप्रैल, शुक्रवार को अमावस्या तिथि सूर्योदय व्यापिनी होने से इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान करना श्रेष्ठ रहेगा। अगर किसी कारण नदी में स्नान करने न जा पाएं तो घर में ही पानी में तीर्थ स्थान का जल डालकर स्नान करें। इससे भी तीर्थ स्नान का फल मिलता है।

ये भी पढ़ें- 31 मार्च से 27 अप्रैल तक कुंभ राशि में रहेगा शुक्र ग्रह, जानिए किस राशि पर कैसा होगा असर

स्कंद पुराण के अनुसार चंद्र की सोलहवीं कला को अमा कहा गया है। स्कंद पुराण में लिखा है कि-
अमा षोडशभागेन देवि प्रोक्ता महाकला।
संस्थिता परमा माया देहिनां देहधारिणी ।।


इस श्लोक का अर्थ यह है कि चंद्र की अमा नाम की महाकला है, जिसमें चंद्र की सभी सोलह कलाओं की शक्तियां शामिल हैं। इसका क्षय और उदय नहीं होता है।

सूर्य और चंद्र रहते हैं एक राशि में
अमावस्या तिथि पर सूर्य और चंद्र एक साथ एक ही राशि में रहते हैं। इस अमावस्या पर ये दोनों ग्रह मीन राशि में रहेंगे। इसी वजह से इस तिथि को सूर्य-चंद्र संगम भी कहते हैं।
 

Latest Videos

ये भी पढ़ें-

Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि में बनेगा ग्रहों का खास योग, देवी का वाहन घोड़ा होने से मिलेंगे शुभ फल

अप्रैल 2022 में ग्रहों का दुर्लभ संयोग, सभी 9 ग्रह बदलेंगे राशि, शनिदेव बढ़ाएंगे इन 3 राशि वालों की परेशानी

31 मार्च को शुक्र ग्रह करेगा राशि परिवर्तन, मेष सहित इन 3 राशि वालों को होगा सबसे ज्यादा फायदा

साल में सिर्फ एक बार आता है ये शुभ योग, इस बार 30 मार्च को बनेगा, सिर्फ 4 घंटे 23 मिनट रहेगा

Share this article
click me!

Latest Videos

Congress LIVE: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हरियाणा के चरखी दादरी में जनता को संबोधित किया
नवरात्र में भूलकर भी न करें ये 5 काम, जानें किन-किन चीजों का रखना चाहिए ध्यान । Navratri 2024
Rahul Gandhi LIVE: राहुल गांधी का हरियाणा के नूंह में जनता को संबोधन।
'हिम्मत कैसे हुई पूछने की' भरी अदालत में वकील पर क्यों भड़के CJI चंद्रचूड़
इन 7 देशों ने चौतरफा दुश्मनों से घिरे दोस्त इजराइल का साथ बीच मझधार में छोड़ा । Israel Iran Conflict