Buddha Purnima 2022 Importance: कब है बुद्ध पूर्णिमा, क्यों खास है ये तिथि, कैसे एक राजकुमार बन गया महात्मा?

वैशाख मास की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima 2022) भी कहा जाता है। मान्यता है कि इसी तिथि पर भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था और इसी दिन उन्हें बोधिगया में ज्ञान प्राप्त हुआ था।

उज्जैन. इस बार बुद्ध पूर्णिमा 16 मई, सोमवार को है। इस दिन भगवान बुद्ध के अनुयायी विशेष प्रार्थना आदि करते हैं और जहां-जहां भगवान बुद्ध के मंदिर हैं, वहां आयोजन भी किये जाते हैं। बुद्ध को भगवान विष्णु को अवतार भी माना जाता है, हालांकि इस बात को लेकर लोगों में अलग-अलग मत है। बुद्ध के जीवन से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं जो हमें जीवन जीने का सही रास्ता दिखाती हैं। बुद्ध से ही बौद्ध धर्म का उदय हुआ और ये भारत ही नहीं बल्कि अन्य देशों में फैलता गया। आज भी इसके प्रमाण श्रीलंका, नेपाल, पाकिस्तान, अफगानिस्तान आदि देशों में देखे जा सकते हैं। आगे जानिए बुद्ध के जीवन से जुड़ी खास बातें…

जानिए गौतम बुद्ध से जुड़ी खास बातें…
- मान्यता है कि गौतम बुद्ध का जन्म ईसा पूर्व छठी शताब्दी में राजा शुद्धोधन के पुत्र के रूप में हुआ था। बचपन में इनका नाम सिद्धार्थ था। कहते हैं कि सिद्धार्थ के जन्म के कुछ दिन बाद ही उनकी माता का निधन हो गया था। इसके बाद माता महामाया की बहन गौतमी ने उनका पालन पोषण किया। इसी से उनका नाम सिद्धार्थ गौतम पड़ा। 
- जन्म के समय ही राजज्योतिषी ने ये भविष्यवाणी कर दी थी कि ये बालक बड़ा होकर वैराग्य ले लेगा और बहुत बड़ा संत-महात्मा बनेगा। दुनिया इसके बताए हुए मार्ग पर चलेगी। सोलह वर्ष की आयु में उनका विवाह यशोधरा से हो गया था। सिद्धार्थ और यशोधरा ने एक पुत्र को भी जन्म दिया, जिसका नाम राहुल रखा गया। 
- एक दिन जब सिद्धार्थ अपने महल से बाहर घूम रहे थे तो उन्हें एक रोगी, एक वृद्ध और और मृत व्यक्ति दिखाई दिया। उन्हें देखकर सिद्धार्थ के मन में वैराग्य की भावना जाग गई और उन्होंने संन्यासी मार्ग अपनाने का मन बना लिया। एक दिन चुपचाप वे अपनी पत्नी और बच्चे को छोड़कर वन में चले गए। कई सालों तक उन्होंने तप किया।
- लगभग 35 वर्ष की आयु में सिद्धार्थ गौतम को बोधगया में बोधिवृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे बुद्ध कहलाए। इसके बाद उन्होंने अपने मतों का प्रचार-प्रसार किया और लोगों को जीवन जीने की नया तरीका सीखाया। देखते ही देखते ही लाखों लोग उनके अनुयायी हो गए।
 


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