जिस घर में होते हैं ये 3 काम, वहां खुशी-खुशी स्वयं ही चली आती हैं देवी लक्ष्मी

Published : Sep 15, 2022, 03:40 PM IST
जिस घर में होते हैं ये 3 काम, वहां खुशी-खुशी स्वयं ही चली आती हैं देवी लक्ष्मी

सार

Chanakya Niti: हर व्यक्ति चाहता है कि उसके पास धन-दौलत हो और देवी लक्ष्मी उसके घर में निवास करे, जिससे उसे लाइन में कभी कोई कमी न हो। चाणक्य नीति में बताया गया है कि देवी लक्ष्मी कैसे घर में निवास करती हैं।  

उज्जैन. आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) का नाम भारत के महान विद्वानों में लिया जाता है। उनके लिखे गए ग्रंथ आज भी हमारे लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं। आचार्य चाणक्य की नीतियां हमारे लिए लाइफ मैनेजमेंट टिप्स की तरह काम करती हैं। इन बातों का ध्यान रखा जाए तो कई सारी परेशानियों से बचा जा सकता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में बताया है कि देवी लक्ष्मी कैसे घर में निवास करती हैं। लक्ष्मी से तात्पर्य है कि ऐसे घरों में हमेशा धन-धान्य भरा रहता है और किसी तरह की कोई कमी नहीं रहती। आगे जानिए इस चाणक्य नीति के बारे में…

श्लोक
मूर्खा यत्र न पूज्यन्ते धान्य यत्र सुसंचितम्।
दंपतो: कलहो नास्ति तत्र श्री: स्वयमागता।।


अर्थ- जिन घरों में कभी मूर्खों की पूजा नहीं होती, यानी उनकी बातों पर गौर नहीं किया जाता, जहां धान्य यानी अनाज अच्छी तरह से संचित किया जाता है और पति-पत्नी में विवाद नहीं होता वहां स्वयं देवी लक्ष्मी खिंची चली आती है।

मूर्खों को न दें सम्मान
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिन घरों में मूर्खों की पूजा नहीं होती, वहां देवी लक्ष्मी का वास होता है। इसका अर्थ ये कि जहां अज्ञानी लोगों की बातों पर ध्यान न देकर ज्ञानियों की बातों पर गौर किया जाता है और उनकी बातें मानी जाती हैं। वहां देवी लक्ष्मी बिना किसी प्रयास से खिंची चली आती है और ऐसे घरों में सदैव निवास करती हैं।

जहां अनाज का संग्रहित करके रखा जाता है
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिस घर में अनाज को अच्छे से संग्रहित करके सुरक्षित तरीके से रखा जाता है, वहां भी देवी लक्ष्मी स्वयं ही चली आती हैं। इसका अर्थ है कि अनाज भी एक तरह से धन का ही स्वरूप है, जहां अनाज का अपमान न करते हुए उसके एक-एक दाने का महत्व समझा जाता है, वहीं देवी का स्थाई निवास होता है।

जहां पति-पत्नी में विवाद न हो
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिस घर में पति-पत्नी एक-दूसरे के साथ प्रेम और अनुशासन के साथ रहते हैं, वहां देवी लक्ष्मी स्वयं ही चली आती हैं। अर्थ ये है कि जिस घर में पति-पत्नी एक-दूसरे का सम्मान करते हैं और गलती से भी कोई विवाद नहीं करते, वो घर किसी स्वर्ग से कम नहीं होता और ऐसे घर में देवी लक्ष्मी का निवास हमेशा रहता है।


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