Chanakya Niti: हमारे धर्म ग्रंथों में लाइफ मैनेजमेंट से जुड़े कई टिप्स बताए गए हैं। इन टिप्स में ये भी बताया गया है कि यदि हम पढ़ाई और यात्रा में सफलता पाना चाहते हैं तो कम से कम कितने लोग हमारे साथ होना चाहिए?
उज्जैन. हमारे देश में अनेक विद्वान महापुरुष हुए, उन्हीं में से एक थे आचार्य चाणक्य। आचार्य चाणक्य ने सभी कामों में सफलता पाने के लिए कुछ न कुछ नियम बताए हैं। इन नियमों को उन्होंने एक पुस्तक में संग्रहित किया है। इसे चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में बताया है कि यात्रा, पढ़ाई, तपस्या, गाना-बजाना, खेती और युद्ध कितने लोगों के साथ मिलकर करना चाहिए। आज हम आपको आचार्य चाणक्य की बताई इसी नीति के बारे में बता रहे हैं, जो इस प्रकार है…
तपस्या अकेले में करें
आचार्य चाणक्य ने बताया है कि अगर आप तपस्या में सफलता पाना चाहते हैं तो किसी एकांत स्थान का चयन करें, इस समय आपके साथ कोई भी नहीं होना चाहिए। तभी आपकी तपस्या पूर्ण होगी और आपको मनचाही सिद्धि प्राप्त हो सकती है। अगर तपस्या में ज्यादा लोग हो तो मन भटकने सकता है।
पढ़ाई दो लोगों के साथ करें
अध्ययन यानी पढ़ाई करते समय कम से कम लोग आपके साथ होना चाहिए, वो इसलिए कि यदि पढ़ाई करते समय आपके मन में कोई संशय या प्रश्न हो तो आप उन लोगों से उस बारे में पूछकर अपनी शंका दूर कर सकते हैं। इससे ज्यादा लोग होने पर मन पढ़ाई से भटक सकता है।
गाना-बजाना तीन के साथ
आचार्य चाणक्य ने मनोरंजन के संबंध में कहा है कि इसके लिए कम से कम तीन लोग आपके साथ होना चाहिए ताकि आप इसका भरपूर मजा उठा सकें। इससे कम या ज्यादा लोग होने से इसका मजा खराब हो सकता है।
यात्रा चार लोगों के साथ करना चाहिए
आचार्य चाणक्य की मानें तो यात्रा करते समय कम से कम 4 लोग आपके साथ होना चाहिए। वो इसलिए कि यात्रा अगर लंबी हो तो उसमें कई तरह की परेशानियां आ सकती है। किसी की सेहत खराब हो सकती है और भी कई तरह की जोखिम यात्रा के दौरान रहते हैं। इसलिए एक-दूसरे की मदद के लिए कम से कम 4 लोग यात्रा के दौरान होना चाहिए।
खेती पांच लोगों के साथ मिलकर करें
अगर आप खेती में फायदा पाना चाहते हैं तो इसके लिए कम से कम आपके साथ 5 लोग होने चाहिए, जो आपकी मदद कर सकें। अगर आप पैसे बचाने के चक्कर में अकेले ही खेती में लगे रहे तो आपकी सेहत तो खराब होगी ही साथ ही खेती में फायदा भी कम होगा। इसलिए आचार्य चाणक्य कहते हैं कि खेती करते समय कम से कम 5 लोग आपके साथ होना चाहिए।
विवाद करते समय जितने हो सकें
युद्ध यानी विवाद के समय आपके पक्ष में जितने लोग हो सकें, उतनों को साथ ले जाना चाहिए। आचार्य चाणक्य के अनुसार, यही युद्ध नीति है। वाद-विवाद के दौरान जितने अधिक लोग आपके साथ होंगे, आपके जीतने की संभावना उतनी प्रबल होगी। इसलिए आचार्य चाणक्य ने कहा है कि युद्ध पर जाते समय अधिक से अधिक सहायकों को साथ लेकर जाना चाहिए।
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