Chanakya Niti: इन 6 स्थितियों में व्यक्ति असहनीय पीड़ा का अनुभव करता है

Published : Sep 21, 2021, 11:52 AM ISTUpdated : Sep 21, 2021, 12:18 PM IST
Chanakya Niti: इन 6 स्थितियों में व्यक्ति असहनीय पीड़ा का अनुभव करता है

सार

आचार्य चाणक्य (Chanakya) एक श्रेष्ठ विद्वान थे। वे कूटनीति और राजनीति में बहुत कुशल थे। आचार्य चाणक्य एक योग्य शिक्षक भी थे। अपने नीतिशास्त्र में उन्होंने छः ऐसी स्थितियों के बारे में बताया गया हैं, जो इंसान को असहनीय पीड़ा देती है। 

उज्जैन. अपनी कुशलता और बुद्धि के बल पर ही आचार्य चाणक्य ने चंद्र गुप्त मोर्य को शासक के रूप में स्थापित होने में मुख्य भूमिका निभाई। उन्होंने विश्व प्रसिद्ध तक्षशिला विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की और वहीं पर शिक्षक के रूप में विद्यार्थियों को शिक्षा भी प्रदान की। अपने नीतिशास्त्र में उन्होंने छः ऐसी स्थितियों के बारे में बताया गया हैं, जो इंसान को असहनीय पीड़ा देती है। 

पत्नी या प्रेमिका से वियोग
आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti ) के अनुसार कोई भी जो व्यक्ति जो अपनी पत्नी और प्रेमिका से बहुत प्रेम करता है, उससे वियोग की स्थिति वह सहन नहीं कर पाता है। यह परिस्थिति उसके लिए बहुत ही कष्टकारी होती है।

अपमान की स्थिति में
जब किसी व्यक्ति का कहीं पर किसी रिश्तेदार, मित्र या अन्य के द्वारा के द्वारा अपमान होने की स्थिति बहुत ही कष्टकारी और असहनीय होती है। अपमानित होने के बाद कोई भी व्यक्ति उसे नहीं भुला पाता है और अपमान की अग्नि में जलता रहता है।

अत्यधिक कर्ज होने पर
किसी भी व्यक्ति पर अत्यधिक कर्ज हो जाने पर जब वह उसे चुकाने में असमर्थ रहता है तो उसे हर पल ऐसे ऋण चुकाने की चिंता भीतर ही भीतर असहनीय पीड़ा देती है। चिंता की यह स्थिति मनुष्य के लिए असहनीय पीड़ा पहुंचाती है।

कपटी और चरित्रहीन का सेवक होने पर
यदि कोई अच्छा व्यक्ति किसी कपटी और चरित्रहीन राजा या मालिक के सेवक हो तो वह हर पल असहनीय कष्ट महसूस करता है और जब तक वह ऐसे व्यक्ति की सेवा में रहता है, उसे वह परिस्थिति आग के समान कष्ट देती है।

निर्धनता की स्थिति
किसी भी इंसान के लिए निर्धन होना बहुत ही कष्टकारी होता है। धन न होने की स्थिति में व्यक्ति को छोटी सी जरूरत को भी पूरा करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है, हर पल आर्थिक तंगी की परिस्थिति कारण भीतर ही भीतर जलता रहता है।

स्वार्थी लोगों के साथ रहने पर
यदि कोई व्यक्ति स्वभाव का अच्छा होकर सदैव दूसरों की सहायता करने के लिए तत्पर रहता हो परंतु उसके आसपास के लोग स्वार्थी स्वभाव के हो तो यह उसके लिए बहुत असहनीय होता है।

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