आचार्य चाणक्य (Chanakya) के अनुसार, अगर आप अपनी युवावस्था के महत्व को नहीं समझे, तो जीवन में पछतावे के अलावा कुछ शेष नहीं बचता। युवावस्था में व्यक्ति जो कुछ भी अर्जित करता है, बुढ़ापे में वहीं उसका सहारा बनता है। इसलिए युवावस्था के दौरान हर व्यक्ति को अपने भविष्य को लेकर सजग रहना चाहिए और सही रणनीति बनाकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहिए, लेकिन कुछ आदतें युवाओं के जीवन को बर्बाद कर देती हैं। इनसे बचकर रहना चाहिए।
उज्जैन. आचार्य चाणक्य (Chanakya) के अनुसार, युवावस्था में व्यक्ति जो कुछ भी अर्जित करता है, बुढ़ापे में वहीं उसका सहारा बनता है, लेकिन कुछ गलत आदतें युवाओं के जीवन को बर्बाद कर देती हैं। आचार्य चाणक्य (Chanakya) ने ऐसी 5 आदतों के बारे में बताया है। आगे जानिए इन 3 आदतों के बारे में…
लापरवाही
युवा कई बार अपने काम में लापरवाही कर जाते हैं। इसके कारण उन्हें नुकसान भी उठाना पड़ता है। अगर आपको किसी काम का अनुभव हो तो किसी अनुभवी व्यक्ति की सलाह लेकर वो काम करना चाहिए, जिससे कि हमें सही मार्गदर्शन प्राप्त हो और किसी का नुकसान भी न हो।
आलस
आलस सिर्फ युवाओं का ही नहीं बल्कि हर व्यक्ति का शत्रु होता है। ये सिर्फ आपके समय को बर्बाद करने का काम करता है। चाणक्य का मानना था कि युवाओं के जीवन में आलस का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। युवाओं को जीवन हमेशा अनुशासन के साथ जीना चाहिए और अपने सोने और जागने का समय तय करना चाहिए, ताकि आलस उन पर हावी न हो सके और वे अपने मूल्यवान समय का सदुपयोग कर सकें।
नशा
नशा करने की आदत भी युवाओं के लिए अभिशाप है। नशे से आर्थिक हानि तो होती ही है, साथ ही व्यक्ति शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से कमजोर हो जाता है। नशा व्यक्ति को गलत संगत में ले जाता है। हर तरह से सक्षम होने के बावजूद भी ऐसा शख्स अपना बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाता। ऐसा व्यक्ति अपने वर्तमान को तो बिगाड़ता ही है, साथ ही भविष्य को भी खराब कर लेता है।
गलत संगत
संगत का असर व्यक्ति पर जरूर पड़ता है। यदि व्यक्ति गलत लोगों के बीच में बैठेगा तो उसमें भी गलत आदतें जरूर आएंगी। इसलिए हर व्यक्ति को अपनी संगत को लेकर सजग होना चाहिए। गलत लोग आपको लक्ष्य से भटकाते हैं और आपके जीवन को अंधकार की ओर ले जाते हैं।
काम
काम यानी सेक्स। युवाओं को कई बार कम उम्र में ही काम का गलत लत लग जाती है। ये आदत उनका जीवन पूरी तरह से बर्बाद कर देती है। इससे न सिर्फ उनका भविष्य बल्कि शरीर भी खराब हो जाता है। इससे इनका मानसिक संतुलन भी पूरी तरह से खराब हो जाता है और मनोमस्तिष्क में इसी तरह की बातें चलती रहती हैं।
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