सार

आचार्य चाणक्य (Chanakya) तीक्ष्ण बुद्धि के धनी थे। उन्होंने अपने जीवन में जो भी किया वो जनहित को ध्यान में रखते हुए किया और हमेशा लोगों को धर्म की राह पर मजबूती के साथ चलने के लिए प्रेरित किया। आचार्य की कही बातें आज के समय में भी प्रासंगिक हैं। आचार्य चाणक्य ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया और विपरीत परिस्थिति में बहुत मुश्किल फैसले भी लिए. लेकिन उनका हर फैसला ज्यादातर सटीक साबित होता था। 

उज्जैन. अपने ग्रंथ चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में आचार्य ने लोगों को बुरे कामों से बचने की सलाह दी है। साथ ही बताया है कि यदि अपयश से बचना है तो 3 कामों से हमेशा दूर रहें। आगे जानिए कौन-से हैं वो 3 काम

झूठ बोलकर फायदा उठाना
जो व्यक्ति झूठ का सहारा लेकर फायदा उठाता है, वो कभी समाज में सम्मान नहीं पा सकता। झूठ बोलकर आपका काम कुछ दिन चल सकता है, लेकिन किसी न किसी दिन आपकी पोल जरूर खुलती है। जिस दिन लोग आपका सच जान लेते हैं, वे आपको नापसंद करने लगते हैं और आपसे दूरी बना लेते हैं।

दूसरों की बुराई करना
दूसरों की बुराई करना कुछ लोगों को बहुत पसंद होता है, लेकिन बुराई करने वाला व्यक्ति कभी भी सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता। ऐसे लोगों में नकारात्मकता और कुंठा दिखाई देती है। ये लोग जहां बैठते हैं वहां किसी न किसी की बुराई ही करते हैं, लेकिन बुराई करने से न सिर्फ आप अपना कीमती समय गंवाते हैं, बल्कि आप स्वयं भी आलोचना के अधिकारी बन जाते हैं।

दूसरे को हानि पहुंचाने के लिए धन का इस्तेमाल
आचार्य चाणक्य के अनुसार, धन को संचय करना चाहिए और इसका कुछ हिस्सा धार्मिक कार्यों में भी लगाना चाहिए, लेकिन कुछ लोग धन का इस्तेमाल दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए करते हैं। ऐसे लोगों को कभी भी समाज में सम्मान की नजर से नहीं देखा जाता।

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