सुखी जीवन जीने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। इन्हें लाइफ मैनेजमेंट सूत्र भी कह सकते हैं। ये सूत्र हमारे कई धर्म ग्रंथों में भी मिलते हैं।
उज्जैन. महाभारत की विदुर नीति और चाणक्य द्वारा चरित नीति शास्त्र में भी इन सूत्रों का वर्णन मिलता है। ये सूत्र न सिर्फ हमारा जीवन आसान बनाते हैं बल्कि कई परेशानियों से भी बचाते हैं। ये सूत्र भले ही पुरातन समय के हों, लेकिन आज के समय में भी ये प्रासंगिक लगते हैं यानी इनका पालन आज के समय में भी किया जा सकता है। ऐसी ही एक नीति में बताया गया है कि वो कौन-से लोग हैं, जिनका सम्मान, मित्रता, विद्या और सुख नष्ट हो जाते हैं और इसका कारण भी बताया गया है। आगे जानिए इस नीति से जुड़े लाइफ मैनेजमेंट…
1. लालची व्यक्ति का सम्मान नष्ट हो जाता है
धर्म ग्रंथों के अनुसार, जो व्यक्ति लालच करता है और अपने हित के लिए दूसरे लोगों का नुकसान करने के लिए तैयार रहता है उसका मान-सम्मान नष्ट हो जाता है। क्योंकि जब लोगों को ऐसे व्यक्ति के व्यवहार के बारे में पता चलता है तो दोस्त भी उससे दूर हो जाते हैं और धीरे-धीरे जब ये बात सभी को पता चलती है तो उसके मान-सम्मान में कमी आने लगती है। ऐसे लोगों को समाज में कभी अच्छी नजरों से नहीं देखा जाता।
2. चुगली करने वाले की दोस्ती नष्ट हो जाती है
मित्रता एक अनमोल रिश्ता है, लेकिन कुछ लोग अपने मित्रों की गुप्त बातें दूसरों को बताकर उसे संकट में फंसा देते हैं। ऐसा काम करने वाले लोगों को दोस्ती धीरे-धीरे खत्म हो जाती है क्योंकि ऐसा करके वो अपनी विश्वसनीयता खो देते हैं। दोस्ती में जब विश्वास न हो तो वो सिर्फ एक औपचारिकता रह जाती है। इसलिए भूलकर भी दोस्तों की गुप्त बातें किसी अन्य को नहीं बताना चाहिए।
3. बुरी आदतों वालों की विद्या नष्ट हो जाती है
धर्म ग्रंथों के अनुसार, आप कितने भी बड़े ज्ञानी और विद्वान क्यों न हों, लेकिन अगर आपमें कुछ बुरी आदतें हैं तो आपकी विद्या धीरे-धीरे स्वत: ही नष्ट हो जाती है। विद्वानों का मानना है कि गलत आदतों का शिकार व्यक्ति अपनी विद्या को सही उपयोग नहीं कर पाता और एक समय ऐसा भी आता है जब वो विद्या नष्ट हो जाती है। इसलिए कहते हैं बुरी आदतें व्यक्ति को नष्ट कर देती हैं।
4. कंजूस का सुख नष्ट हो जाता है
कंजूस व्यक्ति के पास कितना ज्यादा धन क्यों न हो लेकिन फिर भी उसे यही डर लगा रहता है कि कहीं उसका धन नष्ट न हो जाए या कोई उसका धन छिन न ले। उसे यह डर भी रहता है कि कोई व्यक्ति उससे पैसा उधार न मांग ले। इसी डर की वजह से उसका सुख नष्ट हो जाता है और वो हमेशा चिंता में डूबा रहता है।
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