Dattatreya Jayanti 2022: ये हैं भगवान दत्त के 4 मंदिर, कोई 700 साल पुराना तो कहीं पूरी होती है हर इच्छा

Temple of Lord Dattatreya: हिंदू धर्म में अनेक देवी-देवताओं की मान्यता है। भगवान दत्तात्रेय भी इनमें से एक है। कुछ ग्रहों में इन्हें भगवान विष्णु का अवतार कहा गया है तो कुछ में इन्हें त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) का संयुक्त अवतार माना जाता है।
 

Manish Meharele | Published : Dec 6, 2022 4:53 AM IST

उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, अगहन मास की पूर्णिमा पर दत्त पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी तिथि पर भगवान दत्तात्रेय का जन्म हुआ था। भगवान दत्त के संबंध में कई मान्यताएं हैं। कुछ ग्रंथों में इन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है तो कुछ में इन्हें त्रिदेवों का संयुक्त अवतार बताया गया है। हमारे देश में भगवान दत्तात्रेय (Temple of Lord Dattatreya) के कई प्राचीन मंदिर हैं। दत्तात्रेय जयंती पर यहां कई विशेष आयोजन किए जाते हैं। दत्तात्रेय जयंती (7 दिसंबर, बुधवार) के मौके पर हम आपको कुछ ऐसे ही प्राचीन मंदिरों के बारे में बता रहे हैं… 

इंदौर में है 700 साल पुराना मंदिर (Dattatreya Temple of Indore)
भगवान दत्तात्रेय का प्राचीन मंदिर इंदौर के कृष्णपुरा की ऐतिहासिक छत्रियों के पास स्थित है। मान्यता है कि ये मंदिर लगभग 700 साल पुराना है। जगद्गुरु शंकराचार्य सहित कई साधु-संत इसी मंदिर के परिसर में रुका करते थे। आगरा से औरंगजेब को चकमा देकर छत्रपति शिवाजी और उसके पुत्र कुछ समय तक संन्यासी वेष में इस मंदिर में रहे। सरस्वती और चंद्रभागा नदियों के संगम पर श्री दत्तात्रेय भगवान के मंदिर का वर्णन मराठाशाही बखर (मोड़ी भाषा) में मिलता है। 

गरुड़ेश्वर दत्त मंदिर (Dattatreya Temple of Gujarat)
गुजरात के तिलकवाड़ा क्षेत्र में स्थित भगवान दत्त मंदिर काफी प्रसिद्ध है। इसे गरुड़ेश्वर दत्त मंदिर कहा जाता है। ये मंदिर नर्मदा तट पर स्थित है। मान्यता है कि भगवान दत्त स्वयं रोज यहां नर्मदा नदी में स्नान करने आते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति यहां लगातार 7 हफ्ते तक गुड़ और मूंगफली का प्रसाद चढ़ाए तो उसकी हर परेशानी दूर हो सकती है।

काशी का दत्तात्रेय मंदिर (Dattatreya Temple of Kashi)
काशी को भगवान शिव की नगरी कहा जाता है। काशी में कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, इन्हीं में से एक है ब्रह्माघाट पर बना भगवान दत्तात्रेय का प्राचीन मंदिर। इस मंदिर से कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। यहां भगवान दत्तात्रेय के दर्शन मात्र से कई बीमारियों का इलाज हो जाता है, ऐसा कहा जाता है। ये मंदिर दो सौ साल से भी ज्यादा पुराना है। उत्तर भारत में भगवान दत्तात्रेय का ये एकमात्र मंदिर है। 

रायपुर का दत्तात्रेय मंदिर (Dattatreya Temple of Raipur)
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ब्रह्मपुरी स्थित श्री दत्तात्रेय भगवान का मंदिर भी काफी प्रसिद्ध है। मान्यता है कि यहां आकर जो भी भक्त भगवान दत्तात्रेय के सामने अपने मन की इच्छा बोलता है, उसकी हर कामना पूरी हो जाती है। यही कारण है कि प्रतिदिन यहां हजारों लोग भगवान दत्तात्रेय के दर्शनों के लिए आते हैं। यहां कई प्रमुख आयोजन भी समय-समय पर किए जाते हैं।


ये भी पढ़ें-

Dattatreya Jayanti 2022: किस देवता के अवतार हैं दत्तात्रेय, कैसे हुआ इनका जन्म? जानें रोचक कथा


Shukra Gochar December 2022: 5 दिसंबर को शुक्र बदलेगा राशि, 4 राशि वालों के होंगे वारे-न्यारे

Budh Gochar December 2022: बुध बदलेगा राशि, किसे रहना होगा सावधान, किसकी चमकेगी किस्मत?


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे। 
 

Share this article
click me!