
उज्जैन. गोविंद द्वादशी का पूजन एवं उपवास नियम धारण करने से व्यक्ति को सुख की प्राप्ति होती है। इस व्रत की विधि इस प्रकार है…
- गोविंद द्वादशी तिथि की सुबह स्नान आदि करने के बाद पूजा का संकल्प लें। इसके बाद भगवान श्री विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।
- इसके बाद भगवान की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान करवाएं। तत्पश्चात प्रतिमा को पोंछकर सुन्दर वस्त्र पहनाएं।
- चंदन, चावल, तुलसी दल व पुष्प आदि पूजन सामग्री श्री हरी बोलते हुए भगवान विष्णु को अर्पित करें।
- भगवान श्री विष्णु को दीप, गंध अर्पित करें और धूप-दीप दिखाएं। आरती करने के पश्चात भगवान को भोग लगाना चाहिए।
- भगवान के भोग को प्रसाद रूप में को सभी में बांटना चाहिए। पूरा दिन उपवास रखने के बाद रात में कीर्तन करें।
- अगली सुबह यानी त्रयोदशी तिथि पर अपने सामर्थ्य अनुसार ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और दान-दक्षिणा इत्यादि भेंट करें। इसके बाद स्वयं भोजन करें।
- जो पूरे विधि-विधान से गोविंद द्वादशी का व्रत करता है वह बैकुंठ को पाता है। इस व्रत की महिमा से व्रती के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं
ज्योतिषीय उपायों के बारे में ये भी पढ़ें
अपशकुन होता है तुलसी के पौधे का सूखना, पैसों की तंगी दूर करने के लिए हर शुक्रवार को करें ये उपाय
धन लाभ के लिए घर में रखना चाहिए ये खास पौधा, इन बातों का भी रखें ध्यान
अशुभ योग, तिथि या नक्षत्र में जन्में शिशु को परेशानियों से बचाने के लिए ये उपाय करना चाहिए
बिजनेस में सफलता के लिए पहनना चाहिए ये खास रत्न, इससे बना रहता है आत्मविश्वास
खर मास में तिथि अनुसार करें अलग-अलग चीजों का दान, दूर हो सकती हैं आपकी परेशानियां
शनि की तीसरी दृष्टि के कारण लाइफ में बनी रहती हैं परेशानियां, करें ये आसान उपाय
कुंडली में कमजोर है चंद्रमा तो फाल्गुन मास में करना चाहिए ये उपाय, मिल सकते हैं शुभ फल
श्रीगणेश सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ रोज करने से दूर हो सकती हैं आपकी हर परेशानी
गुड लक बढ़ाता है एक्वामरीन स्टोन, इसे पहनने से मिल सकते हैं इतने सारे फायदे
कुंडली में कमजोर है चंद्रमा तो हो सकते हैं डिप्रेशन का शिकार, परेशानियों से बचने के लिए करें ये उपाय
बहुत खास होता है पारस पीपल, धन लाभ और शीघ्र विवाह के लिए करें ये आसान उपाय
गर्भस्थ शिशु के हर माह का एक अधिपति ग्रह होता है, उसके मंत्र जाप और पूजा से मिलता है शुभ फल