होली (धुरेड़ी) भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होली जलाई जाती है तथा चैत्र मास के कृष्ण पक्ष के पहले दिन एक-दूसरे को रंग लगाकर होली का त्योहार मनाया जाता है।
उज्जैन. इस बार होली (धुरेड़ी) का पर्व 10 मार्च, मंगलवार को है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि होली से मिलते-जुलते त्योहार अन्य देशों में भी मनाए जाते हैं, लेकिन यहां इसके मनाने का तरीका व परंपराएं भिन्न हैं। जानिए किस देश में कैसे मनाए जाते हैं होली से मिलते-जुलते त्योहार-
इटली
इटली में होली से मिलता-जुलता उत्सव फरवरी में मनाया जाता है। शाम को लोग तरह-तरह की वेश-भूषा में कार्निवल की मूर्ति को एक रथ में बैठाकर, गाते-बजाते जुलूस के रूप में निकलते हैं। यह जुलूस नगर के प्रमुख चौराहों से गुजरता हुआ शहर के मुख्य चौक पर पहुंचता है। वहां इकट्ठा की हुई सूखी लकडिय़ों को इस रथ में रखकर इसमें आग लगा दी जाती है। इसके बाद सभी गाते-नाचते हैं।
फ्रांस
फ्रांस के नारमंडी नामक स्थान पर घास से बनी हुई मूर्ति को शहर में घुमाकर गाली तथा भद्दे शब्द कहते हुए आग लगा देते हैं। बच्चे हो-हल्ला करते हुए इसके चक्कर लगाते हैं।
जर्मनी
ईस्टर के समय पेड़ों को काटकर गाड़ दिया जाता है। उसके चारों ओर लकड़ी व घास का ढेर लगा देते हैं और उसमें आग लगा देते हैं। उस समय एक-दूसरे के मुंह पर रंग लगाते हैं और कपड़ों पर ठप्पा लगाकर हंसते हैं।
स्वीडन नार्वे
सैंट जॉन की पवित्र तिथि पर लोग इकट्ठे होकर अग्नि क्रीड़ा महोत्सव करते हैं। शाम को किसी प्रमुख स्थान पर आग जलाकर लोग नाचते-गाते हैं और इसकी परिक्रमा करते हैं।
साइबेरिया
ग्रीष्म ऋतु के आगमन से पूर्व बच्चे घर-घर जाकर लकडिय़ां इकट्ठी करते हैं और आग लगा देते हैं। स्त्री-पुरुष एक-दूसरे का हाथ पकड़कर तीन बार अग्नि की परिक्रमा कर उसको लांघते हैं। उनका मानना है कि ऐसा करने से वर्ष भर बुखार नहीं आता।
अमेरिका
अमेरिका में होली का त्योहार हैलोईन नाम से प्रतिवर्ष 31 अक्टूबर की रात को मनाया जाता है। इस त्योहार में बच्चों की टोलियां सूर्यास्त के बाद खेलने-कूदने और मस्ती करने के लिए जमा हो जाती हैं।