संगमरमर से बना है शेगांव के संत गजानन महाराज का मंदिर, चमत्कारों से भरा है इनका संपूर्ण जीवन

भारत भूमि पर अनेक महान और चमत्कारी संत हुए। उन्हीं में से एक थे गजानन महाराज (Gajanan Maharaj Shegaon)। इन्हें सबसे पहले महाराष्ट्र (Maharashtra) राज्य के जिला बुलढाणा (Buldhana) के निकट शेगांव (Shegaon) में देखा गया था।

उज्जैन. जिस समय श्री गजानन महाराज को पहली बार देखा गया अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से वह दिन 23 फरवरी 1878 का दिन था। इसलिए इसी दिन उनका प्रकट दिवस शेगांव में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। इसी दिन श्री गजानन महाराज (Gajanan Maharaj Mandir Shegaon ) के मंदिर से पालकी निकाली जाती है और उनकी चरण पादुका का पूजन किया जाता है। उनके जन्म और जन्म स्थान के बारे में किसी को भी जानकारी नहीं है। जब उन्हें पहली बार देखा गया तब वह एक युवक थे और वे झूठी पत्तलों से खाना उठा कर खा रहे थे और 'गं गं गणात बूते' का उच्चारण कर रहे थे। 'गं गं गणात बूते' का उच्चारण करने के कारण ही उनका नाम गजानन पड़ा।

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चमत्कारों से भरा है पूरा जीवन
गजनान महाराज का पूरा जीवन चमत्कारों से भरा हुआ है। एक बार जब महाराज दिगंबर होकर तपस्या कर रहे थे तब एक स्त्री उन पर मोहित होकर उनके पास गई, लेकिन उसने देखा कि महाराज के तेज से नीचे रखी घास भस्म हो गई है। उस स्त्री को महाराज के प्रति गलत भाव रखने का बहुत पछतावा हुआ और उसने उनसे क्षमा मांगी। एक बार महाराज को प्यास लगी। उन्होंने वहां से गुजर रहे भास्कर पाटिल से पानी मांगा, लेकिन उसने इंकार कर दिया। तभी महाराज को वहां कुआं दिखा, जो 12 वर्षों से सूखा पड़ा था। महाराज कुएं के पास जाकर बैठ गए और ईश्वर का जाप करने लगे। जाप के तप से कुआं पानी से भर गया। इस तरह बहुत से चमत्कार उनके भक्तों के बीच प्रसिद्ध हैं।

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संगमरमर से बना है मंदिर
गजानन महाराज का मंदिर बहुत ही सुन्दर है और इसे बनाने के लिए आकर्षक संगेमरमर पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। इस मंदिर को कुछ इस तरह बनाया गया है कि कोई मंदिर के बाहर से भी संत गजानन महाराज के दर्शन कर सकता है और इस दर्शन को मुख दर्शन कहा जाता है और जिन्हें महाराज को करीब से दर्शन लेना होता है वे सुरंग में से जाकर दर्शन कर सकते है। महाराज की जिस जगह पर मूर्ति है वहा के गर्भगृह में अच्छी खासी जगह है जहां पर भक्त खड़े होकर गजानन महाराज से प्रार्थना कर सकते है और आराम से दर्शन भी कर सकते हैं। इस मंदिर के उपरी हिस्से में देवी और देवताओं की बहुत सारी सुन्दर मूर्तियां भी बनायी गयी हैं।

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कैसे पहुंचें?
सड़क मार्ग : शेगांव सड़क मार्ग से देश के लगभग सभी बड़े शहरों से जुड़ा है।
रेल मार्ग: शेगांव में रेल्वे स्टेशन है। मध्य रेल्वे का यह रेल्वे स्टेशन मुंबई-कोलकाता रेल मार्ग से जुड़ा हुआ है। महाराष्ट्र एक्सप्रेस, विधर्व एक्सप्रेस, नवजीवन एक्सप्रेस और हावड़ा-अहमदाबाद एक्सप्रेस कुछ खास ट्रेनें हैं जो शेगांव से होकर गुजरती है।
हवाई मार्ग : यहां के सबसे निकटतम हवाई अड्डा औरंगाबाद में है जहां से शेगांव लगभग 170 कि.मी दूर है।


 

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