
उज्जैन. गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2021) पर घर-घर में भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित की जाती है। इस बार ये पर्व 10 सितंबर, शुक्रवार को है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, गणेश जी की ऐसी मूर्ति घर लानी चाहिए जो शास्त्रों के अनुसार सही हो। आगे जानिए गणेश प्रतिमा लेते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए...
1- वैसे तो बाजार में कई आकारों में भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा मिल जाती है, लेकिन इन सभी में बैठे हुए गणेश जी की प्रतिमा लेना शुभ माना गया है। मान्यता है कि ऐसी मूर्ति की पूजा करने से स्थाई धन लाभ होता है और वास्तु दोष भी दूर होता है।
2- धर्म ग्रंथों में भगवान श्रीगणेश के अनेक नाम बताए गए हैं। उन्हीं में से एक है वक्रतुंड, जिसकी अर्थ घुमावदार सूंड। गणेश प्रतिमा लेते समय ध्यान रखें कि उनकी सूंड बांई और मुडी हुई होनी चाहिए। ऐसी प्रतिमा अधिक शुभ मानी जाती है।
3- भगवान हर गणेश प्रतिमा में उनका वाहन चूहा दिखाई देता है। जिस प्रतिमा में चूहा न हो, उसकी पूजा करने से दोष लगता है। इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
4- शास्त्रों में गणेश जी के स्वरूप का वर्णन मिलता है। उसी स्वरूप से मिलती-जुलती प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए। प्रतिमा के हाथों में पाश और अंकुश होना चाहिए।
5- गणेश जी को भालचंद्र भी कहते हैं इसलिए गणेश जी की ऐसी मूर्ति की पूजा करनी चाहिए जिनके भाल यानी ललाट पर चंद्रमा बना हुआ हो।
6- बाजार में कई धातुओं व केमिकल से बनी प्रतिमा मिलती है, लेकिन सबसे इन सभी में मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमा उत्तम होती है। इसके अलावा सफेद मदार की जड़ से बने गणेश जी की पूजा करना बहुत शुभ माना गया है। वहीं धातुओं में सोना, चांदी या तांबे की मूर्तियों की भी पूजा कर सकते हैं।
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