Ganesh Utsav: तमिलनाडु के इस शहर में 273 फुट ऊंचे पर्वत पर है श्रीगणेश का ये मंदिर, विभीषण से जुड़ी है इसकी कथा

आज (10 सितंबर, शुक्रवार) गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2021) है। इस दिन घर-घर में प्रथम पूज्य की प्रतिमा स्थापित की जाती है साथ ही गणेश मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ उमड़ती है। वैसे तो हमारे देश में भगवान श्रीगणेश के अनेक मंदिर हैं, लेकिन इनमें से कुछ का संबंध पौराणिक कथाओं से है।
 

Asianet News Hindi | Published : Sep 9, 2021 4:20 PM IST

उज्जैन. भगवान श्रीगणेश का एक प्राचीन मंदिर तमिलनाडु (Tamil Nadu) के त्रिची में स्थित है। इसे उच्ची पिल्लयार मंदिर (Uchi Pillayar Temple) कहा जाता है। इस मंदिर का संबंध 7वी शताब्दी से बताया जाता है। यह त्रिची के एक रॉक फोर्ट पर 273 फुट की ऊंचाई पर स्थित है, जहां तक पहुंचने के लिए 400 सीढियां चढ़नी पड़ती हैं। गणेश चतुर्थी के अवसर पर जानिए इस मंदिर से जुड़ी खास बातें...

विभीषण से जुड़ी है इस मंदिर की कथा

- पौराणिक किवदंती के अनुसार, रावध वध के बाद भगवान श्रीराम ने रावण के भाई विभीषण को रंगनाथ की एक मूर्ति दी थी, जो कि भगवान विष्णु का ही एक रूप हैं। विभीषण ये मूर्ति लंका ले जाना चाहता था, लेकिन देवता ऐसा नहीं चाहते थे।
- तब सभी देवता गणेश के पास गए और सहायता मांगी। वो प्रतिमा ऐसी थी कि उसे जहां पहली बार रखा जाएगा, वो वहीं स्थापित हो जाएगी। जब विभीषण वह मूर्ति लेकर त्रिची पहुंचा तो उनका मन कावेरी नदी में स्नान करने का हुआ। 
- लेकिन वह प्रतिमा कहीं रख नहीं सकता था। तभी वहां चरवाहे बालक के रूप में श्रीगणेश पहुंच गए। विभीषण ने भगवान रंगनाथ की मूर्ति उस बालक को देकर कहा कि इसे जमीन पर मत रखना। जैसे ही विभीषण स्नान के लिए कावेरी नदी में उतरा, भगवान गणेश ने वो प्रतिमा जमीन पर रख दी। 
- यह देख विभीषण क्रोधित हो गया, और बालक को मारने के लिए दौड़ा। यह देख भगवान बालक रूपी गणेश वहां से भागकर पहाड़ की चोटी पर जा बैठे। तभी विभीषण ने उनके ऊपर वार कर दिया। 
- जब भगवान गणेश अपने वास्तविक रूप में आए तो विभीषण को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने भगवान से माफी मांगी। तब से भगवान गणेश इस पहाड़ी चोटी पर विराजमान हैं। भगवान गणेश की प्रतिमा पर आज भी चोट के निशान देखे जा सकते हैं।

कैसे पहुंचें?
- तिरूचिरापल्ली तमिलनाडु का एक प्रसिद्ध शहर है जहां आप तीनों मार्गों से आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां का नजदीकी हवाईअड्डा तिरूचिरापल्ली एयरपोर्ट है। 
- रेल मार्ग के लिए आप तिरूचिरापल्ली रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं। जो देश के हर बड़े स्टेशन से जुड़ा है।
- अगर आप चाहें तो यहां सड़क मार्ग से भी पहुंच सकते हैं। बेहतर सड़क मार्गों से तिरूचिरापल्ली दक्षिण भारत के कई बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा है।

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