कौन व्यक्ति सच बोल रहा है और कौन झूठ, इस बात का पता लगाना लगभग नामुमकिन है। किसके मन में क्या है और वह कौन सी बात हमसे छिपा रहा है, ये सभी जानना चाहते हैं, लेकिन जान नहीं पाते।
उज्जैन. गरूड़ पुराण के मुताबिक कौन व्यक्ति सच बोल रहा है और कौन झूठ तथा किसके मन में क्या चल रहा है? यह जानने के लिए शरीर से जुड़ी कुछ खास बातों पर गौर करना जरूरी है। गरुड़ पुराण में मन की बातें जानने से संबंधित एक श्लोक भी है। उसके अनुसार, 7 संकेतों को समझकर किसी भी व्यक्ति के मन की बात समझी जा सकती है। ये श्लोक इस प्रकार है-
श्लोक
अकारैरिंगितैर्गत्या चेष्टया भाषितेन च।
नेत्रवक्त्रविकाराभ्यां लक्ष्यतेर्न्गतं मनः।।
अर्थात्- 1. शरीर के आकार, 2. संकेत, 3. गति, 4. चेष्टा, 5. वाणी, 6. नेत्र व 7. चेहरे की भावभंगिमाओं से किसी भी व्यक्ति के मन की बातें समझी जा सकती हैं।
1. शरीर का आकार- कद-काठी
जब आप किसी स्त्री या पुरुष से किसी खास विषय पर बात करते हैं कद-काठी के आधार पर वह क्या सोच रहा है, इसका पता लगाया जा सकता है। अगर वह आपकी बातों को लेकर गंभीर नहीं है या झूठ बोल रहा है तो उसके कंधे झुके हो सकते हैं। अगर वह कुर्सी पर बैठा है तो वह बिल्कुल आराम की अवस्था में हो सकता है। इस कारण उसकी कद-काठी में थोड़ा अंतर आपको दिखाई देगा। इस अंतर को समझ कर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वह व्यक्ति आपके बारे में या आप जिस विषय पर बात कर रहे हैं, क्या सोच रहा है।
2. संकेत- शरीर से किए जा रहे इशारे
किसी-किसी की आदत होती है कि जब वह किसी से बात करता है तो अपने दोनों या एक हाथ हिलाता है, पैरों पर पैर रखता है। ऐसा होना सामान्य बात है, लेकिन जब वही व्यक्ति किसी से झूठ बोलता है या कोई बात छिपाता है शरीर के इन संकेतों में कुछ बदलाव देखा जा सकता है। इन बदलावों पर गौर करने से जाना जा सकता है कि वह व्यक्ति सच बोल रहा है या झूठ।
3. गति- जल्दबाजी या शरीर की सुस्ती
किसी से झूठ बोलते समय या कोई बात छिपाते समय शरीर की गति में परिवर्तन संभव है। शरीर की हड़बड़ाहट, जल्दबाजी या सुस्ती से यह जाना जा सकता है कि जिस व्यक्ति से आप बात कर रहे हैं वह आपकी बातों को लेकर कितना गंभीर है। वह आपकी बातों पर विचार कर रहा है या सिर्फ एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल रहा है। अगर बात करते समय कोई व्यक्ति एक दम सुस्त दिखाई दे रहा है तो समझना चाहिए कि वह आपको टालना चाहता है और फिर वह आपसे झूठ बोल रहा है।
4. चेष्टा- हरकतें
किसी से झूठ बोलते समय या कोई बात छिपाते समय आपका शरीर अचानक ही कुछ ऐसी हरकतें भी कर सकता है जो आमतौर पर आप नहीं करते। इन बातों पर गौर कर कोई भी व्यक्ति ये समझ सकता है कि आप उससे सच बोल रहे हैं या झूठ या फिर उससे कोई बात छिपा रहे हैं। हालांकि इन बातों का समझना बहुत ही मुश्किल होता है। इसके लिए किसी व्यक्ति के व्यवहार के बारे में पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है।
5. वाणी- आवाज का उतार-चढ़ाव या हड़बड़ाकर बोलना
कोई व्यक्ति चर्चा करते समय यदि आपसे कोई बात छिपाता है या झूठ बोलता है तो उसके बोलने में थोड़ी हड़बड़ाहट हो सकती है। उसकी आवाज में भी असामान्य उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। कभी वह कोई बात धीरे बोलेगा तो कभी जोर से। बोलते समय वह बीच-बीच में अटक भी सकता है। उस व्यक्ति के बोलने के तरीके से आप जान सकते हैं कि वह सच बोल रहा है या झूठ। या फिर उसके मन में क्या है।
6. नेत्र - आंखों की गति, भाव या हलचल
कोई बात छिपाते समय या झूठ बोलते समय आंखों की गति में परिवर्तन आना एक आम बात है। कोई व्यक्ति जब झूठ बोलता है तो उसकी आंखें झुकी रहती हैं या फिर इधर-उधर देखने लगता है। कभी वह ऊपर देखता है तो कभी दाएं-बाएं। बात करते समय वह किसी से नजरें नहीं मिलाता या नजरें चुराने की कोशिश करता है। यदि कोई व्यक्ति सच बोलता है तो वह नजर मिलाकर बात करता है।
7. मुख की भावभंगिमा- चेहरे के हावभाव
प्रत्येक व्यक्ति के चेहरे की भावभंगिमा (एक्सप्रेशन) बात करते समय बदलती रहती है। जब कोई व्यक्ति आपसे झूठ बोलता है या कोई बात गुप्त रखता है तो उसके चेहरे के भावों को देखकर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। जो व्यक्ति झूठ बोलता है, उसके चेहरे पर घबराहट या डर जैसे भाव अपने आप ही आ जाते हैं। चेहरे की बदलती भावभंगिमा को समझकर आप जान सकते हैं कि वह व्यक्ति आपसे सच बोल रहा है या झूठ या फिर वह आपको लेकर कितना गंभीर है।