Garuda Purana में छिपे हैं सुखी और सफल जीवन के सूत्र, हमेशा ध्यान रखें ये 6 बातें

गरुड़ पुराण (Garuda Purana) 18 पुराणों में से एक है।  इस पुराण में जन्म और मृत्यु से जुड़े रहस्य बताए गए हैं। जीवन में परेशानियों से बचने के लिए हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। ये सारी बातें गरुड़ पुराण में बताई गई हैं। 
 

Asianet News Hindi | Published : Aug 22, 2021 3:11 AM IST

उज्जैन. आमतौर पर गरुड़ पुराण (Garuda Purana) का पाठ किसी मृत्यु के बाद किया है। जीवन में परेशानियों से बचने के लिए हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। ये सारी बातें गरुड़ पुराण में बताई गई हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार गरुड़ पुराण (Garuda Purana) के आचार कांड में नीतिसार नाम एक अध्याय है, इसमें सुखी और सफल जीवन की नीतियां बताई गई हैं।  आगे जानिए नीतिसार की अनुसार 6 ऐसी बातें, जिनकी वजह से जीवन में परेशानियां बढ़ सकती हैं, जब भी ये बातें हों तो हमें धैर्य से काम लेना चाहिए...

पहली बात
जब तक पति-पत्नी एक-दूसरे पर भरोसा करते रहेंगे तब तक वैवाहिक जीवन सुखी बना रहता है। जब भी ये भरोसा टूटता है तो परिवार टूट सकता है। इसीलिए ध्यान रखना चाहिए कि जीवन साथी का भरोसा कभी ना टूटे। जब वैवाहिक जीवन में तालमेल बिगड़ता है, हमें धैर्य से काम लेना चाहिए। परेशानियों को सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए।

दूसरी बात
अगर किसी व्यक्ति का जीवन साथी को कोई गंभीर बीमारी हो जाए तो ऐसी स्थिति में धैर्य बनाए रखना चाहिए। साथी के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखना चाहिए। बीमारी की स्थिति में सही देखभाल की जाती है तो प्रेम और अधिक बढ़ता है।

तीसरी बात
यदि किसी व्यक्ति धन उसके शत्रु के हाथ में चला जाए तो समस्याएं और ज्यादा गंभीर हो जाती हैं। एक तरफ तो उसका नुकसान होता है, दूसरी तरफ शत्रु धन का उपयोग उसके खिलाफ ही कर सकता है। ऐसी स्थिति में धैर्य नहीं खोना चाहिए। वरना परेशानियां और अधिक बढ़ सकती हैं।

चौथी बात
घर-परिवार या कार्य स्थल पर अगर कोई उम्र में या पद छोटा व्यक्ति अपमान कर दे तो ऐसी स्थिति में भी धैर्य बनाए रखें। क्रोध न करें, वरना बात और ज्यादा बिगड़ सकती है।

पांचवीं बात
बार-बार प्रयास करने के बाद भी सफलता नहीं मिल पा रही है तो मानसिक तनाव बढ़ सकता है। लेकिन, किसी भी स्थिति में धैर्य का साथ नहीं छोड़ना चाहिए। धैर्य से ही बुरे समय से निपटा जा सकता है।

छठी बात
जब किसी माता-पिता की संतान बात नहीं मानती है तो ये उनके लिए बहुत मुश्किल समय हो जाता है। ऐसी परिस्थिति में माता-पिता का धैर्य नहीं छोड़ना चाहिए। संतान को शांति से सही-गलत का फर्क समझाना चाहिए। अगर ऐसे में क्रोध करेंगे तो बात और ज्यादा बिगड़ सकती है। इसीलिए धैर्य से काम लेना चाहिए।

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