हरियाणा के पिंजौर में है 8वीं शताब्दी का भीमा देवी मंदिर, पांडवों से भी है इस शहर का संबंध

इन दिनों गुप्त नवरात्रि चल रही है। इस दौरान देश के प्रमुख देवी मंदिरों में विशेष पूजा व धार्मिक कार्यक्रमों का दौर चल रहा है।

Asianet News Hindi | Published : Jul 13, 2021 3:35 AM IST / Updated: Jul 13 2021, 01:07 PM IST

उज्जैन. हमारे देश में देवी के अनेक प्राचीन मंदिर हैं, ऐसा ही एक मंदिर हरियाणा के पंचकुला जिले में स्थित है। इसे भीमा देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है। मंदिर की वास्तुशैली बेहद प्राचीन है। भीमा देवी मां दुर्गा का ही एक रूप है। पुरातत्वविदों के अनुसार ये मंदिर 8वीं शताब्दी का है। इस मंदिर को गुर्जर प्रतिहार के शासनकाल के दौरान बनाया गया था।

खुदाई में निकला है ये मंदिर
भीमा देवी मंदिर संरक्षित स्मारक में शामिल है। इस मंदिर का पता 1974 में उस वक्त चला जब पुरातत्व विभाग ने यहां खुदाई की। खुदाई में मंदिर परिसर में लगभग 100 प्राचीन मूर्तियां मिली। मंदिर की वास्तु शैली, समकालीन खजुराहो और भुवनेश्वर मंदिरों में दिखने वाली शैली की तरह है।

प्रसिद्ध है पिंजौर गार्डन
भीमा देवी मंदिर परिसर में ही पिंजौर गार्डन है। गार्डन को औरंगजेब के सौतेले भाई ने बनवाया था। कहा जाता है कि इस गार्डन को औरंगजेब के सौतेले भाई ने हिंदू मंदिरों को तोड़ने से बचाने के लिए बनवाया था।

पांडवों से है संबंध
हरियाणा के जिस पिंजौर शहर में यह मंदिर स्थापित है उसका पौराणिक संबंध पांडवों से है। कहा जाता है कि पांडव अपने वनवास के दौरान पिंजौर में भी रहे थे। यही उन्होंने मां काली की पूजा और यज्ञ किया था। भीमा देवी के बारे में कहा जाता है कि वो ऋषियों की रक्षा करने के लिए प्रकट हुई थी।

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