Guru Purnima पर इस विधि से करें अपने गुरु का पूजन, राशि अनुसार दें सकते हैं ये उपहार

Published : Jul 23, 2021, 12:33 PM IST
Guru Purnima पर इस विधि से करें अपने गुरु का पूजन, राशि अनुसार दें सकते हैं ये उपहार

सार

आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाया जाता है। इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं, क्योंकि इसी दिन महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। इस साल यह तिथि 23 जुलाई, शुक्रवार को सुबह 10:43 से आरंभ होकर 24 जुलाई 2021 की सुबह 08:06 बजे तक रहेगी।

उज्जैन. आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाया जाता है। इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं, क्योंकि इसी दिन महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। इस साल यह तिथि 23 जुलाई, शुक्रवार को सुबह 10:43 से आरंभ होकर 24 जुलाई 2021 की सुबह 08:06 बजे तक रहेगी। पंचांग भेद होने के कारण ये पर्व कुछ स्थानों पर 23 जुलाई तो कहीं 24 जुलाई को मनाया जाएगा।

कैसे करें गुरु का पूजन?
गुरु पूर्णिमा की सुबह स्नान-ध्यान करके सबसे पहले अपने गुरु की पूजन सामग्री तैयार करें जिसमें फूल-माला, पान, श्रीफल, रोली-मोली, जनेउ, दक्षिणा और वस्त्र लेकर अपने गुरु के स्थान पर जाएं। उसके बाद अपने गुरु के चरणों को धोकर उसकी पूजा करें और उन्हें अपने सामर्थ्य के अनुसार फल-फूल, मेवा, मिष्ठान और धन आदि देकर सम्मानित करें।

राशि अनुसार गुरु को दे सकते हैं ये उपहार
1. मेष, तुला, मकर व कर्क राशि वाले लोग अपने गुरु को सफेद कपड़े, चावल, सफेद मिठाई या अन्य कोई सफेद वस्तु उपहार में दे सकते हैं।
2. वृषभ, सिंह, वृश्चिक व कुंभ राशि वाले अपने गुरु को लाल कपड़े, लाल फल, अनाज भेंट कर सकते हैं। इससे इन्हें शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं।
3. मिथुन, कन्या, धऩु व मीन राशि वाले लोग अपने गुरु को पीले रंग के फल, कपड़े मिठाई आदि चीजें उपहार में देंगे तो शुभ रहेगा।

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