चेन्नई के इस देवी मंदिर में मिलता है अनोखा प्रसाद, भक्तों को उनके जन्मदिन पर देते हैं ये खास चीज

हमारे देश में लाखों मंदिर हैं और इन सभी से अलग-अलग परंपराएं भी जुड़ी है। कोई मंदिर अपनी बनावट के कारण प्रसिद्ध है तो कोई अपनी प्राचीनता के कारण। लेकिन देश में एक मंदिर ऐसा भी है जो अपने विशेष प्रसाद के कारण पहचाना जाता है। ये मंदिर है चेन्नई के पड़प्पई में स्थित जय दुर्गा पीठम (Chennai Durga Peetham Temple)।
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 5, 2022 1:25 PM IST

उज्जैन. देश में लगभग सभी मंदिरों में प्रसाद के रूप में लड्डू, पेड़े जैसे ही चीज मिलती है, लेकिन अगर आप चेन्नई के जय दुर्गा पीठम (Chennai Durga Peetham Temple) मंदिर में जाएंगे तो यहां आपको प्रसाद के रूप बर्गर, सैंडविच और ब्राउनी मिलेगी और वो भी मिनरल वॉटर के साथ। इस मंदिर में बर्गर, सैंडविच, टमाटर सलाद के अलावा प्रसाद में हेल्थ ड्रिंक्स भी चढाई जाती है। आगे जानिए कैसे शुरू मंदिर में ये चीजें चढ़ाने की परंपरा…
 

मंदिर में ही बनाया जाता है ये प्रसाद
देवी को जो भी प्रसाद जैसे बर्गर, सैंडविच आदि चढ़ाया जाता है, ये सभी मंदिर के रसोईघर में बनते हैं। इस प्रसाद की खास बात है कि ये भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण से प्रमाणित होते है और इस पर इसके उपयोग की अंतिम तारीख भी लिखी होती है। यही नहीं भक्तों को प्रसाद भी एक वेंडिग मशीन के जरिए ही मिलता है।

ऐसे शुरू हुई ये परंपरा
मंदिर को हाई टेक करने वाले डॉ. श्रीधर का मानना है कि जो भी चीज पवित्र भाव, अच्छे मन और पवित्र रसोई में बनाई गई हो, वो भगवान को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जा सकता है। जब उन्होंने केक और बर्गर को प्रसाद के रूप में शुरू किया तो विरोधियों का भी सामना करना पड़ा, लेकिन उन सबको अनदेखा किया। यहं एक सप्ताह में प्रसाद को दोहराया नहीं जाता। बर्गर, सैंडविच, केक और ब्राउनी शनिवार और
रविवार को ही दिया जाता है।

बर्थडे पर मिलता है खास केक
इस मंदिर की खास बात ये भी है कि यहां पर कोई दान पात्र नहीं हैं। यहां तक की पुजारी भी पूजा के लिए कोई दान नहीं लेते। वैसे मंदिर का मैनेजमेंट स्मार्ट कार्ड सिस्टम की योजना बना रहा है, जिसे भक्त खुद मंदिर का गेट खोलकर आ सकते हैं। इसके अलावा भक्तों को उनके जन्मदिन पर प्रसाद के रूप में खास केक दिया जाता है। मंदिर के अधिकारियों ने बर्थडे केक प्रसादम की शुरुआत की, जिसमें रिकॉर्ड के तौर पर मंदिर आने वाले भक्तों का पता और जन्मदिन की तारीख लिखी जाती है।


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