Holi 2022: गोवा में अनोखे तरीके से मनाई जाती है होली, हर घर में बनता है 'शगोटी'

भारत में हर त्योहार अलग-अलग स्थानों पर कुछ खास परंपराओं के साथ मनाया जाता है। होली (Holi 2022) भी एक ऐसा ही पर्व है। फाल्गुन पूर्णिमा (Falgun Purnima 2022) पर होलिका दहन (Holika Dahan 2022) किया जाता है जो इस बार 17 मार्च, गुरुवार को है।

Asianet News Hindi | Published : Mar 16, 2022 8:53 AM IST / Updated: Mar 17 2022, 08:25 AM IST

उज्जैन. होलिका दहन के अगले दिन यानी चैत्र कृष्ण प्रतिपदा पर होली खेली जाती है, जो इस बार 18 मार्च, शुक्रवार को खेली जाएगी। होली पर बंगाल में दोल जात्रा (Dol Jatra) निकाली जाती है। मध्य प्रदेश के आदिवासी अंचलों भगोरिया (Bhagoria) पर्व मनाया जाता है। वहीं ब्रज मंडल में लट्ठमार (Lathmar Holi) होली खेली जाती है। भारत के अन्य हिस्सों में भी ये त्योहार अलग रंग रूप में मनाया जाता है। आज हम आपको बता रहे हैं गोवा और उत्तराखंड में होली कैसे मनाई जाती है…

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ऐसे मनाते हैं गोवा में होली
- गोवा में किसी समय पुर्तगालियों का शासन था। जिसके कारण वहां की परंपराएं व त्योहार आज भी प्रभावित नजर आती हैं। होली का उत्सव भी वहां अलग ही अंदाज में मनाया जाता है। गोवा के निवासी होली को कोंकणी में शिमगो या शिमगोत्सव (shimgotsav) कहते हैं। 
- वे इस अवसर पर वसंत का स्वागत करने के लिए रंग खेलते हैं। इसके बाद भोजन में तीखी मुर्ग या मटन की करी खाते हैं, जिसे शगोटी कहा जाता है। मिठाई भी खाई जाती है। गोवा में शिमगोत्सव की सबसे अनूठी बात पंजिम का वह विशालकाय जलूस है, जो होली के दिन निकाला जाता है।
- यह जलूस अपने गंतव्य पर पहुँच कर सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिवर्तित हो जाता है। इस कार्यक्रम में नाटक और संगीत होते हैं, जिनका विषय साहित्यिक, सांस्कृतिक और पौराणिक होता है। हर जाति और धर्म के लोग इस कार्यक्रम में उत्साह के साथ भाग लेते हैं।

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कुमाऊं मंडल में होली पर सजती हैं महफिलें
- उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल की सरोवर नगरी नैनीताल और अल्मोड़ा जिले में होली के अवसर पर गीत बैठकी का आयोजन किया जाता है। इसमें होली के गीत गाए जाते हैं। यहां होली से काफी पहले ही मस्ती और रंग छाने लगता है। 
- इस रंग में सिर्फ अबीर-गुलाल का टीका ही नहीं होता बल्कि बैठकी होली और खड़ी होली गायन की शास्त्रीय परंपरा भी शामिल होती है।बरसाने की लट्ठमार होली के बाद अपनी सांस्कृतिक विशेषता के लिए कुमाऊंनी होली को याद किया जाता है। 
- शाम के समय कुमाऊं के घर-घर में बैठक होली की सुरीली महफिलें जमने लगती हैं। गीत बैठकी में होली पर आधारित गीत घर की बैठक में राग-रागिनियों के साथ हारमोनियम और तबले पर गाए जाते हैं।

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