20 मार्च को पहले भगवान विष्णु को फिर अपने भाई को लगाएं तिलक, भाई दूज जैसा है इस दिन का महत्व

Published : Mar 20, 2022, 09:19 AM IST
20 मार्च को पहले भगवान विष्णु को फिर अपने भाई को लगाएं तिलक, भाई दूज जैसा है इस दिन का महत्व

सार

चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितिया तिथि को भाई दूज (Holi Bhai Dooj 2022) का पर्व मनाया जाता है। इसे होली की दूज कहा जाता है। इस दिन भी बहनें अपने भाई को घर बुलाकर भोजन करवाती हैं और तिलक निकालकर उसकी लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं। इस बार ये पर्व 20 मार्च, रविवार को है।

उज्जैन. वैसे तो भाई दूज का मुख्य पर्व दिवाली के बाद मनाया जाता है, लेकिन कुछ स्थानों पर होली की भाई दूज मनाने की परंपरा भी है। इस बार ये तिथि 20 मार्च, रविवार को है। कई जगहों पर इसे भ्रातृ द्वितीया पारंपरिक त्योहारों में भाई दूज का खास महत्व है। मान्यता है कि इस दिन बहन द्वारा भाई को तिलक करने से उसकी उम्र बढ़ती है। आगे जानिए इस दिन कैसे करें भाई को तिलक और शुभ मुहूर्त…

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शुभ मुहूर्त
20 मार्च को होने वाली होली भाई दूज की शुरुआत 19 मार्च को सुबह 11:35 से हो जाएगी और 20 मार्च को सुबह 10:10 बजे तक रहेगी। हालांकि शाम को प्रदोष काल में भाई को तिलक करना शुभ रहेगा।

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इस विधि से करें भगवान विष्णु की पूजा
- चैत्र कृष्ण द्वितिया तिथि पर महिलाएं सुबह जल्दी नहाकर साफ कपड़े पहनें। चांदी या पीतल की कटोरी में तिलक तैयार करें। 
- अपने भाई को तिलक करने से पहले उस कटोरी को भगवान विष्णु के चरणों में रखें। ॐ नमो नारायणाय मंत्र का जाप करें। 
- अब ये तिलक सबसे पहले भगवान गणपति और विष्णु जी को करें। भाई को आमंत्रित कर बहन अपने हाथों से बना हुआ भोजन कराएं। 
- उनका तिलक करके आरती करें और ईश्वर से उनकी लंबी उम्र, आरोग्य और सुखी जीवन की कामना करें। भाई अपनी बहन को श्रद्धा अनुसार उपहार दें।
- मान्यता है कि जो बहनें आज के दिन भाई को अपने यहां प्रेमपूर्वक आमंत्रित करके भोजन करवाती हैं और तिलक लगाती हैं। उनके भाइयों की उम्र बढ़ती है। अकाल मृत्यु से भी रक्षा होती है। 
- इस व्रत से बहन के घर में भी सुख और समृद्धि बढ़ती है। इस व्रत में शाम को प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के कुछ मिनट बाद घर के बाहर दक्षिण दिशा में यमराज के लिए चौमुख दीपक लगाया जाता है।

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