ज्योतिष में कुल 9 ग्रह बताए गए हैं, इनमें से 2 ग्रह राहु और केतु पाप ग्रह हैं। आमतौर पर इन्हें अशुभ ग्रह माना जाता है। 22 सितंबर की रात से राहु राशि बदलकर मिथुन से वृष राशि में आ चुका है।
उज्जैन. 22 सितंबर की रात से राहु राशि बदलकर मिथुन से वृष राशि में आ चुका है। कुंडली में ये ग्रह अन्य ग्रहों के साथ युति करते है इनका असर भी बदल जाता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी से जानिए राहु का अन्य ग्रहों के साथ युति करने पर कैसा फल प्राप्त होता है-
1. कुंडली में राहु और गुरु का योग होने पर व्यक्ति को लंबी उम्र प्राप्त होती है, लेकिन इनके जीवन में परेशानियां बनी रहती हैं। ये लोग खूब यात्राएं करते हैं।
2. जिनकी कुंडली में शनि के साथ राहु होता है, वे रहस्यमयी होते हैं। ये लोग गुप्त कार्यों से अधिक पैसा कमाते हैं। सप्तम भाव में ये युति रहती है तो जीवन साथी से तालमेल नहीं बनता है।
3. राहु और सूर्य जिनकी कुंडली में एक ही भाव में होते हैं, उनकी आंखें कमजोर होती हैं। व्यक्ति को पिता के संबंध में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
4. राहु और चंद्रमा के कारण व्यक्ति को मानसिक परेशानी, सिरदर्द या आंखों से संबंधित रोग हो सकते हैं। ये लोग घर से ज्यादा दूर सफल होते हैं। ये ग्रहण दोष भी कहलाता है।
5. राहु और मंगल की युति भाई के लिए अशुभ रहती है। शत्रु का भय रहता है। ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। इसे अंगारक योग भी कहते हैं।
6. राहु और बुध एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति को सिर से संबंधित बीमारी हो सकती है। ऐसा व्यक्ति स्वयं को समझदार समझता है और दूसरों को मूर्ख।
7. राहु के साथ शुक्र की युति से व्यक्ति गलत आदतों का शिकार हो सकता है। ऐसे व्यक्ति में अत्यधिक साहस होता है, जो कि नुकसानदायक है।