Khatu Mela 2022: खाटू मेले में क्यों निकाली जाती है निशान यात्रा, क्या है मंदिर में बने श्याम कुंड की मान्यता?

Published : Mar 07, 2022, 03:25 PM IST
Khatu Mela 2022: खाटू मेले में क्यों निकाली जाती है निशान यात्रा, क्या है मंदिर में बने श्याम कुंड की मान्यता?

सार

राजस्थान (Rajasthan) के सीकर (Sikar) जिले के खाटूश्याम जी मंदिर (Khatushyam Temple) में लक्खी मेला (Lakkhi Mela 2022) 6 मार्च से शुरू हो चुका है, जो 15 मार्च तक चलेगा। इस मेले में देशभर से लाखों भक्त पहुंचेंगे, जिसे देखते हुए प्रशासन में काफी इंतजाम किए हुए हैं।

उज्जैन. लक्खी मेले में कई परंपराओं का पालन किया जाता है जैसे निशान यात्रा। फाल्गुन मेले में निशान यात्रा (Khatushyam Nishan Yatra) का भी बहुत बड़ा महत्व है। ऐसी मान्यता है कि निशान यात्रा में शामिल होकर भगवान खाटूश्याम को ध्वज चढ़ाने से हर तरह की परेशानी दूर हो सकती है। मंदिर परिसर में एक कुंड भी है, जिसे श्याम कुंड (Shyam Kund) कहा जाता है। श्याम कुंड के बारे में मान्यता है की जहां बाबा का शीश जिस धरा पर अवतरित हुआ था उस स्थान को श्याम कुंड के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है की श्याम कुंड में यदि कोई भक्त सच्चे मन से डुबकी लगाता है तो उसके सारे पाप कट जाते हैं। आगे जानिए भगवान खाटूश्याम की निशान यात्रा और श्याम कुंड के बारे में…

ये भी पढ़ें- khatu mela 2022: राजस्थान के खाटू में ही क्यों है भगवान ‘श्याम’ का मुख्य मंदिर? जानिए रोचक कथा

क्या होती है निशान यात्रा?
निशान यात्रा एक तरह की पदयात्रा होती है जिसमें भक्त अपने हाथों में श्री श्याम ध्वज हाथ में उठाकर श्याम बाबा को चढाने खाटू श्याम जी मंदिर तक आते है। इसी श्री श्याम ध्वज को निशान कहा जाता है। मुख्यत यह यात्रा रींगस से खाटू श्याम जी मंदिर तक की जाती है जो कि 18 किमी की यात्रा है। इस यात्रा के अंतर्गत भक्त अपनी श्रद्धा से अपने-अपने घर से भी शुरू करते हैं। ऐसा माना जाता है कि पैदल निशान यात्रा करके श्याम बाबा को निशान चढाने से बाबा शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामना को पूर्ण करते हैं।

ये भी पढ़ें- khatu mela 2022: कब से कब तक रहेगा खाटूश्यामजी का लक्खी मेला? जाने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
 

श्याम कुंड में डुबकी लगाने की महत्व
मंदिर परिसर में ही एक कुंड है, जिसे श्याम कुंड कहा जाता है। फाल्गुन मेले के दौरान श्याम कुंड में डुबकी लगाना अत्यधिक शुभ माना जाता है। खाटू स्थित श्याम कुंड वाली जगह पर ही बर्बरीक का शीश पहली बार प्रकट हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि श्याम कुंड में स्नान करने से भक्तों में सकारात्क ऊर्जा का संचार होता है। वह बीमारियों और व्याधियों से मुक्त हो जाता है। इसलिए बड़ी संख्या में फाल्गुन मेले के दौरान भक्त श्याम कुंड में स्नान करते हैं।

ये भी पढ़ें- 

पंचग्रही योग में हुई है मार्च की शुरूआत, इस महीने 3 ग्रह बदलेंगे राशि, 4 राशि वालों को होगा फायदा


31 मार्च तक मकर राशि में रहेगा सौर मंडल का सबसे चमकीला ग्रह, इन 4 राशि वालों की चमकेगी किस्मत

गुजरात के वलसाड़ में है 300 साल पुराना अनोखा मंदिर, यहां होती है मछली की हड्डियों की पूजा

क्या महाभारत युद्ध में शिवजी ने भी दिया था पांडवों का साथ, अर्जुन ने महर्षि वेदव्यास को बताई थी ये अनोखी घटना?

 

PREV

Recommended Stories

सर्दियों में लड्डू गोपाल को कैसा भोग लगाए, कैसे वस्त्र पहनाएं? 5 नियम
Mesh Rashi Nature: कैसा होता है मेष राशि वालों का नेचर? जानें 10 रोचक फैक्ट्स