जो लोग गाय, ब्राह्मण और अग्नि सहित इन 8 की ओर पैर करके बैठते हैं उनके बुरे दिन तुरंत शुरू हो जाते हैं

हमारे धर्म ग्रंथों में कई ऐसी बातें बताई गई हैं, जो सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन उनके पीछे कोई न कोई तर्क जरूर होता है। हमारे पुराणों में सुबह से लेकर शाम तक किए जाने वाले सभी कामों से संबंधित नियम भी बताए गए हैं।

उज्जैन. धर्म ग्रंथों में बताए गए कुछ नियमों का पालन करना बहुत ही आसान है और जो लोग इनका पालन नहीं करते, उनके जीवन में कुछ न कुछ परेशानियां बनी रहती हैं। हिंदू धर्म में बच्चों को शुरू से ही शिष्टाचार संबंधी बातें बताई जाती हैं। इसमें ये भी बताया जाता है कि देवता, गुरु, अग्नि आदि की ओर पैर करके नहीं बैठना चाहिए। इसी से संबंधित बातें कूर्म पुराण में भी बताई गई है। आज हम आपको बता रहे हैं कि किन 8 की ओर पैर रखकर बैठने से आपका बुरा समय शुरू हो सकता है और क्यों?

श्लोक
नाभिप्रसारयेद् देवं ब्राह्मणान् गामथापि वा।
वाय्वग्निगुरुविप्रान् वा सूर्यं वा शशिनं प्रति।।


अर्थ- देवता, ब्राह्मण, गाय, अग्नि, गुरु, विप्र, सूर्य व चंद्रमा की ओर पैर नहीं फैलाना चाहिए।

1. देवता: हिंदू धर्म में देवी-देवताओं को पूजनीय माना गया है। इसलिए घर में जिस ओर मंदिर या भगवान की तस्वीर हो, उस ओर पैर करके बैठना या सोना नहीं चाहिए। इससे देवी-देवताओं का अपमान होता है और हमें भी अशुभ फल भुगतने पड़ सकते हैं।

2. ब्राह्मण: ऋग्वेद के अनुसार ब्राह्मणों की उत्पत्ति भगवान ब्रह्मा के मुख से हुई है। इसलिए इनकी ओर भी पैर नहीं करना चाहिए। क्योंकि ये साक्षात ब्रह्मा के ही स्वरूप होते हैं। इनकी अपमान करने से भगवान की कृपा रूक जाती है और हमें भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 

3. गाय: ग्रंथों के अनुसार, गाय में सभी देवताओं का वास माना गया है। इसलिए गाय की ओर भी पैर नहीं करके नहीं बैठना चाहिए। ऐसा करना दुर्भाग्य को घर बुलाने जैसा है। इसलिए ऐसा भूलकर भी न करें।

4. अग्नि: धर्म ग्रंथों में आग को देवताओं का मुख कहा गया है, इसी के माध्मय से देवी-देवता भोजन ग्रहण करते हैं। इसलिए जिस स्थान पर अग्नि जल रही हो, उस ओर पैर करके न बैठें और सोएं भी नहीं।

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5. गुरु: हिंदू धर्म में गुरु को भगवान से भी श्रेष्ठ माना गया है। गुरु ही समाज को सही दिशा दिखाते हैं और अंधकार से उजाले की ओर ले जाते हैं। इसलिए जहां गुरु बैठे हों, उस दिशा में पैर फैलाकर नहीं बैठना चाहिए।

6. विप्र: धर्म ग्रंथों के अनुसार वेदों की पढ़ाई करने वाले ब्राह्मण बालक को विप्र कहते हैं। इसे भी ब्राह्मण के समान ही मान-सम्मान देना चाहिए। इनकी ओर पैर फैलाकर बैठना इनका अपमान करने जैसा ही होता है। ऐसा करने से बचना चाहिए।

7. सूर्य: पंचदेवताओं में से सूर्यदेव भी एक हैं। इन्हें प्रत्यक्ष देवता भी कहा जाता है। पूजा-पाठ आदि में सूर्य देवता की पूजा जरूर की जाती है, इसलिए सूर्य की ओर पैर नहीं करना चाहिए। इससे अपने पुण्य फल कम होते हैं।

8. चंद्रमा: धर्म ग्रंथों में चंद्रमा को वनस्पतियों का स्वामी बताया गया है। विशेष अवसरों पर चंद्रमा की पूजा भी की जाती है। ये भी प्रत्यक्ष देवता के रूप में हमें दिखाई देते हैं। इसलिए चंद्रमा की ओर भी पैर नहीं करना चाहिए।

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