लाइफ मैनेजमेंट: आनन्द रामायण में बताए गए हैं ऐसे 7 गुण, जो हर मनुष्य में होने चाहिए

इस बार 2 अप्रैल, गुरुवार को श्रीराम नवमी है। भगवान श्रीराम के जीवन पर कई ग्रंथ लिखे गए हैं, उन्हीं से एक है आनन्द रामायण। इसकी रचना वाल्मीकि रामायण के आधार पर की गई थी।

Asianet News Hindi | Published : Apr 1, 2020 6:43 PM IST

उज्जैन. आनन्द रामायण में कुल 9 काण्ड हैं, जिनमें भगवान श्रीराम से जन्म से लेकर स्वलोकगमन तक की कथाएं बताई गई हैं। आनन्द रामायण में कई ऐसी बातें बताई गई हैं, जो की मनुष्य के लिए बहुत जरूरी मानी गई है। इस ग्रंथ में मनुष्य के 7 ऐसे गुणों के बारे में बताया गया है, जो कि हर किसी में होना ही चाहिए। इन गुणों से संबंधी श्लोक और उससे जुड़े लाइफ मैनेजमेंट इस प्रकार है-

सत्यं शौचं दया क्षान्तिर्जवं मधुरं वचः।
द्विजगोयतिसद्धक्तिः सप्तैते शुभदा गुणाः।।

1. माफ करना
सभी में दूसरों को माफ करने का स्वभाव होना चाहिए। जो दूसरों को माफ नहीं करता, बातों को मन से लगाकर बैठ जाता है, उसे जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

2. दया
हर मनुष्य में दया और प्रेम की भावना होना जरूरी माना जाता है। हर किसी में अपने से छोटों के लिए दया और बड़ों के लिए सम्मान की भावना होनी चाहिए।

3. मधुर बोलना
जो मनुष्य हमेशा मधुर बोलता है, किसी भी परिस्थिति में बुरे शब्दों का प्रयोग नहीं करता, उस पर भगवान हमेशा प्रसन्न करते हैं।

4. सत्यता
 सफलता पाने के लिए मनुष्य में सच्चाई का गुण होना जरूरी है।

5. स्वभाव में कोमलता
जो मनुष्य दूसरों में भेदभाव नहीं करता और सबके लिए अच्छा व्यवहार करता है, वह जीवन में बहुत उन्नति करता है।

6. पवित्रता
शास्त्रों में दो तरह की पवित्रता के बारे में बताया गया है- एक तन यानी शरीर और दूसरा मन की पवित्रता। सभी को अपने मन और शरीर दोनों की शुद्धि का ध्यान रखना चाहिए।

7. सज्जनों का सम्मान
हर किसी को श्रेष्ठ ब्राह्मणों और सज्जन लोगों को सम्मान करना चाहिए। अच्छे लोगों की संगति में रहने से मनुष्य जीवन में आने वाली हर परेशानी का सामना कर सकता है।
 

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