Life Management: बाढ़ आई तो सभी गांव से चले गए, लेकिन एक आदमी ने कहा “मुझे भगवान बचाएंगे”…क्या सचमुच भगवान आए?

कुछ लोग भाग्य के भरोसे बैठे रहते हैं। वे सोचते हैं कि किस्मत में जो होना होगा वो हो जाएगा, लेकिन वे ये भूल जाते हैं कि स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कर्म करने का संदेश दिया है यानी किसी भी मुसीबत से निकलने के लिए प्रयास को आपको स्वयं ही करने पड़ेगे।

Asianet News Hindi | Published : Dec 28, 2021 5:32 AM IST

उज्जैन. परेशानियां जीवन में आती रहती हैं। हमें उससे निकलने के प्रयास करते रहना चाहिए। मुसीबत दूर करना या न करना भगवान के हाथ में है। Asianetnews Hindi Life Management सीरीज चला रहा है। इस सीरीज के अंतर्गत आज हम आपको ऐसा प्रसंग बता रहे हैं जिसका सार यही है भगवान या भाग्य के भरोसे न बैठें और अपना कर्म निरंतर करते रहें। तभी आपको सफलता मिलेगी।

जब बाढ़ के पानी में डूब गया गांव
किसी गांव में एक व्यक्ति रहता था। वो दिन रात भगवान के मंत्रों का जाप करता और पूजा-पाठ में लगे रहता था। वह भगवान पर बहुत ज्यादा भरोसा करता था।
एक बार उसके गांव में बहुत तेज बारिश हुई तो पास नदी में पानी बहुत ज्यादा बढ़ गया। बाढ़ देखकर गांव के लोग सुरक्षित स्थान पर जाने के निकलने लगे। उस समय भक्त ने सोचा कि जब तक भगवान खुद मुझे बचाने नहीं आएंगे मैं ये गांव छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगा।
गांव के कुछ लोग उसके पास पहुंचे और कहने लगे “ भक्त राज नदी का पानी गांव में घुस गया है, भीषण बाढ़ आ गई है। आप हमारे साथ सुरक्षित स्थान पर चलिए।” 
भक्त ने लोगों से कह दिया कि “मुझे भगवान पर भरोसा है, वे अपने भक्त को कुछ नहीं होने देंगे। वे स्वयं मुझे बचाने आएंगे।”
लोग उसकी बात सुनकर आगे बढ़ गए। कुछ देर बाद नदी का पानी उसके घर तक पहुंच गया। तभी एक व्यक्ति नाव लेकर उसके पास पहुंचा और कहा- “भक्तराज जल्दी कीजिए, बाढ़ का पानी किसी भी समय आपके घर को बहाकर ले जा सकता है। तुरंत इस नाव में बैठकर सुरक्षित स्थान की ओर चलिए।
उस नाव वाले व्यक्ति से भी भक्त ये वही कहा कि “भगवान ही मुझे बचाने आएंगे।” 
कुछ समय बाद पानी और ज्यादा बढ़ गया। तभी उसे एक बड़े पेड़ का तना बहता हुआ दिखाई दिया, लेकिन उसने उस तने की मदद से भी जान बचाने की कोशिश नहीं की।
अब वह भगवान के मंत्रों का जाप करने लगा और डरने लगा। वह भगवान को याद करते हुए बार-बार बोल रहा था कि भगवान अपने भक्त को बचा लीजिए। मैं आपका भक्त हूं, लेकिन आप मुझे बचाने के लिए नहीं आ रहे हैं।
तभी आकाशवाणी की आवाज आई “मैंने तुम्हें बचाने की तीन बार कोशिश की है। मैंने ही सबसे पहले गांव के लोगों को तुझे बचाने के लिए भेजा था, इसके बाद एक नाव वाला बनकर मैं खुद आया, इसके बाद मैंने पेड़ का बड़ा तना भी तेरे पास भेजा, लेकिन तूने अपनी मूर्खता की वजह से इन अवसरों का उपयोग नहीं किया।”

लाइफ मैनजेमेंट
जो लोग सही समय पर सही अवसरों का उपयोग नहीं कर पाते हैं, वे परेशानियों से कभी भी बाहर नहीं निकल पाते हैं। इसीलिए अवसरों को पहचानें और सही फैसला कर लेना चाहिए।
 

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