Life Management: महात्मा ध्यान में बैठने से पहले बिल्ली को बांध देते थे, एक दिन बिल्ली मर गई…फिर क्या हुआ?

हमारे समाज में कई ऐसे नियम व परंपराएं हैं जिनके पीछे कोई तर्क नहीं है। न उनको कोई धार्मिक महत्व है न वैज्ञानिक और न ही मनोवैज्ञानिक। ये पुरातन समय से चले आ रहे हैं तो हम भी उसे मानने पर मजबूर हो जाते हैं।

उज्जैन. कुछ मान्यताओं और परंपराओं के पीछे की कहानी किसी को पता नहीं होती। सभी भेड़ चाल की तरह उन नियमों और परंपराओं का पालन किए जा रहे हैं। इसलिए अब जरूरी हो गया है कि वर्तमान समय में उन नियम और परंपराओं की कितनी उपयोगिता है, इस बात पर विचार जरूर किया जाए। Asianetnews Hindi Life Management सीरीज चला रहा है। इस सीरीज के अंतर्गत आज हम आपको ऐसा प्रसंग बता रहे हैं जिसका सार यही है बिना सोचे-समझे नियमों का पालन करने से बचना चाहिए।

ये भी पढ़ें- Life Management: महामारी से बचने सभी ने कुएं में दूध डाला, लेकिन दूसरे दिन उसमें सिर्फ पानी था…ऐसा क्यों हुआ?

जब महात्मा के आश्रम में रहने लगी बिल्ली
एक महात्मा अपने शिष्यों के साथ आश्रम में रहते थे। एक दिन कहीं से एक बिल्ली का बच्चा रास्ता भटककर आश्रम में आ गया । महात्माजी ने उस भूखे प्यासे बिल्ली के बच्चे को दूध-रोटी खिलाई। वह बिल्ली का बच्चा वहीं आश्रम में रहकर पलने लगा। कुछ दिनों बाद वो महात्मा का चहेता बन गया और उनके आस-पास ही रहने लगा।
महात्माजी के सामने एक समस्या उत्पन्न हो गयी कि जब वे ध्यान में बैठते तो बिल्ला का बच्चा उनकी गोद में आकर बैठ जाता। एक दिन महात्मा ने अपने शिष्य से कहा कि “जब भी मैं ध्यान में बैठूं, इस बिल्ली के बच्चे को दूर पेड़ से बाँध आया करो।”
शिष्य ने ये बात गांठ बांध ली और रोज महात्मा के ध्यान में बैठने से पहले बिल्ल के बच्चे को पेड़ से बांध आता था। ये नियम बन गया।
एक दिन महात्माजी की मृत्यु हो गयी तो उनका एक शिष्य उनकी गद्दी पर बैठा। वह भी जब ध्यान करने बैठता तो उसके पहले बिल्ली का बच्चा पेड़ पर बांधा जाता। सभी को ये लगता है था महात्मा के ध्यान में बैठने और बिल्ल के बच्चे को पेड़ से बांधने के बीच जरूर कोई संबंध है।
फिर एक दिन बिल्ली का बच्चा ही मर गया। आश्रम के सारे शिष्यों की मीटिंग हुयी। सबने विचार विमर्श किया कि बड़े महात्माजी जब तक बिल्ली पेड़ से न बांधी जाये, तब तक ध्यान में नहीं बैठते थे। अत: पास के गांवों से कहीं से भी एक बिल्ली लायी जाये। आखिरकार काफी ढूंढने के बाद एक बिल्ली मिली, जिसे पेड़ पर बांधने के बाद महात्माजी ध्यान पर बैठे।

ये भी पढ़ें- Life Management:कार वाले की गलती से एक्सीडेंट होते हुए बचा, ऑटो वाले ने उसे कुछ नहीं कहा, यात्री को बताई वजह?

लाइफ मैनेजमेंट
जीवन में कई बार ऐसे मौके आते हैं जब आपको नियमों को तोड़कर आगे बढ़ना होता है क्योंकि इन नियमों के पीछे कोई खास कारण नहीं होता। कोई व्यक्ति ऐसा करता आ रहा है तो हम भी वही करे, ये जरूरी नहीं है। समय के साथ परिवर्तन करना बहुत जरूरी है। तभी हम समय के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकते हैं।


 

ये खबरें भी पढ़ें...

Life Management: घर को जलता देख पिता घबरा गए, तभी बेटे ने आकर ऐसी बात कही कि उनकी चिंता दूर हो गई

Life Management: राजा ने बच्ची को भोजन दिया, उसमें एक रत्न भी था, बच्ची की मां ने उसे देखा तो क्या किया?

Life Management: 6 अंधे हाथी देखने गए, किसी ने कहा हाथी नली जैसा होता है, किसी ने खंबे जैसा बताया…फिर क्या हुआ

Latest Videos

Share this article
click me!

Latest Videos

LIVE 🔴: बाबा साहेब का अपमान नहीं होगा सहन , गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ बर्खास्तगी की उठी मांग'
LIVE 🔴: कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में पीएम मोदी का भाषण
LIVE🔴: केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश और पवन खेड़ा द्वारा प्रेस वार्ता
LIVE 🔴: रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया | Baba Saheb |
बांग्लादेश की अपील से कैसे बच सकती हैं शेख हसीना? ये है आसान रास्ता । Sheikh Hasina