Life Management: राजा को जंगल में प्यास लगी, लेकिन एक अंधे ने सैनिक को पानी देने से इंकार कर दिया…जानिए क्यों?

लोगों के बीच इमेज बनाने और बिगाड़ने में आपकी भाषा की बहुत खास योगदान रहता है। कुछ लोग हमेशा कड़वा बोलते हैं, ऐसे लोगों से कोई बात नहीं करना चाहता, बल्कि लोग दूर भागते हैं। जबकि जो लोग मीठा बोलते हैं उनकी इमेज बहुत अच्छी होती है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 20, 2022 9:18 AM IST

उज्जैन. जो लोग मीठा बोलते हैं, ऐसे लोगों से बात करना चाहते हैं। साथ बैठना और आत्मीय संबंध रखना चाहते हैं। अगर कहा जाए कि आपकी बोली से ही आपकी इमेज बनती है तो गलत नहीं होगा। Asianetnews Hindi Life Management सीरीज चला रहा है। इस सीरीज के अंतर्गत आज हम आपको ऐसा प्रसंग बता रहे हैं जिसका सार यही है हमें दूसरों से हमेशा मीठा बोलना चाहिए।

जब राजा फंस गया जंगल में 
एक राजा को शिकार करने का बहुत ही शौक था। एक दिन वह राजा अपने सरदार और कुछ सैनिकों के साथ शिकार के लिए जंगल की ओर निकला। वह काफी दूर तक शिकार की खोज में चले गये।
ज्यादा दूर तक चलने से सभी को प्यास लगने लगी। सभी ने जंगल में पानी खोजना शुरू किया। फिर एक सैनिक को रास्ते पर एक कुआं दिखाई दिया। सैनिक ने राजा को यह बताया कि वहां पर एक कुआं है, जहां से हम अपनी प्यास को शांत कर सकते हैं।
राजा ने उस सैनिक को आदेश दिया कि वहां से उसके लिए पानी लाएं। सैनिक राजा के आदेश की पालना करते हुए उस कुएं के पास गया। वहां पर सैनिक ने देखा कि एक नेत्रहीन वृद्ध व्यक्ति रास्ते से जाने वाले लोगों की जलसेवा कर रहा है। सैनिक उस नेत्रहीन वृद्ध व्यक्ति के पास गया और बोला “ऐ पनिहारे एक लोटा पानी दे, हमें कहीं आगे जाना हैं।”
ये सुनकर उस वृद्ध व्यक्ति ने जवाब दिया “यहां से चला जा मुर्ख, मैं ऐसे सैनिकों को पानी नहीं पिलाता।” ये सुनकर सैनिक तुरंत वहां से चला गया। ये बात सैनिक ने राजा के सरदार को जाकर बताई। फिर सरदार उस नेत्रहीन वृद्ध व्यक्ति के पास गया और कहा “ऐ बूढ़े, हमें प्यास लगी है, एक लौटा पानी दे।”ये सुनकर उस नेत्रहीन वृद्ध व्यक्ति ने फिर पानी पिलाने से मना कर दिया।
राजा की प्यास बढ़ती ही जा रही थी। राजा ने अपने सरदार से पानी के बारे में पूछा तो सरदार ने राजा से कहा कि “उस कुएं पर एक नेत्रहीन व्यक्ति है जो पानी पीने से मना कर रहा है।”
ये सुनकर राजा अपने सैनिक और सरदार के साथ उस नेत्रहीन वृद्ध व्यक्ति के पास गया और उस वृद्ध व्यक्ति से कहा “बाबा जी, हमें बहुत प्यास लगी है, गला सूखा जा रहा है। यदि आप थोड़ा पानी पिला देंगे तो आपकी बहुत बड़ी कृपा होगी।”
ये सुनकर उस नेत्रहीन व्यक्ति ने राजा से कहा “आप बैठिये राजा साहब, मैं आपको अभी जल पिलाता हूं।” फिर उस वृद्ध व्यक्ति ने सम्मानपूर्वक राजा को बैठाया और पानी पिलाया। पानी पीने के बाद राजा ने उस वृद्ध व्यक्ति से पूछा कि “आपको कैसे पता चला कि ये सैनिक व सरदार है और राजा मैं हूं”।
तो इसका जवाब उस वृद्ध व्यक्ति ने बहुत ही अच्छे शब्दों में दिया। वृद्ध व्यक्ति ने कहा “इन्सान की पहचान करने के लिए आंखों की जरूरत नहीं होती, उसकी वाणी ही उसकी असली पहचान होती है। सैनिक और सरदार को मैंने उनकी भाषा से पहचाना और आपकी पहचान भी इस तरह से की।”

लाइफ मैनेजमेंट
जीवन में वाणी से बढ़कर कुछ नहीं होता। यदि हमारे पास अच्छी वाणी और बोलने का तरीका होगा तो हम अपने जीवन में वो सब हासिल कर सकते हैं जो हम चाहते हैं।
 

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