आजकल पति-पत्नी के बीच विवाद होना आम बात है। कभी-कभी ये विवाद बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं। हालांकि इन विवादों के पीछे कारण बहुत छोटे-छोटे होते हैं। पति-पत्नी के बीच एक खुशहाल और शांतिपूर्ण रिलेशन के लिए जरुरी हैं कि हम अपने अहंकार को आगे न आने दें और व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी को ध्यान में रखें।
उज्जैन. पति-पत्नी किसी भी गलती के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराने से दोनों का नुकसान होता हैं और संबंधों में भी खटास आ जाती है। परिवार में दूसरे की जीत भी अपनी जीत होती हैं। अगर हम बहस करके दूसरे सदस्य को नीचा दिखा दे, ये उसकी हार नहीं बल्कि आपकी हार हैं। Asianetnews Hindi Life Management सीरीज चला रहा है। इस सीरीज के अंतर्गत आज हम आपको ऐसा प्रसंग बता रहे हैं जिसका सार यही है कि पति-पत्नी में सामंजस्य बनाए रखने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
झगड़ालू पति-पत्नी को ऐसे समझ आई अपनी गलती
किसी शहर में दो परिवार आस-पास में रहते थे। दोनों परिवारों में सदस्यों के नाम पर सिर्फ पति-पत्नी रहते थे। इनमें से एक परिवार हर वक्त लड़ता-झगड़ता रहता था, उनकी इन हरकतों की वजह से आस-पास के लोग भी परेशान थे। जबकि दूसरा परिवार शांति से रहता था। उनके घर से कभी किसी तरह की लड़ाई की आवाज नहीं आती थी।
एक दिन, झगड़ालू परिवार की पत्नी ने अपने पति से कहा “अपने पड़ोस में भी पति-पत्नी रहते हैं, वे कितने शांत है, उनके घर से कभी किसी तरह के विवाद की आवाज नहीं आती। तुम जाओ और देखो की वे इतने अच्छे तरीके से रहने के लिए क्या करते हैं।” पति चुपचाप गया और छुपकर देखने लगा।
उसने देखा कि पत्नी हॉल में फर्श पर पोछा लगा रही हैं। तभी किचन से कुछ आवाज आई और वो किचन में चली गई। तभी पति अपने कमरे से निकलकर बाहर आया तो उसकी ठोकर से हॉल में पानी से भरी बाल्टी का सारा पानी फर्श पर फेल गया।
आवाज सुनकर पत्नी किचन से आई तो देखा कि पूरे फर्श पर पानी ही पानी है। वो अपने पति से बोली “यह मेरी गलती है कि मैंने रास्ते से बाल्टी को नहीं हटाया।”
पति ने जवाब दिया ” नहीं ये मेरी गलती है क्योंकि मैंने ध्यान से नहीं देखा और गलती से मेरा पैर बाल्टी पर लग गया।”
दोनों पति-पत्नी ने अपनी-अपनी गलती मान ली और आपस अपने काम में लग गए। झगड़ालू परिवार का पति जिसने ये सब देखा और जाकर अपनी पत्नी को पूरी बात बताई।
झगड़ालू पति-पत्नी थोड़ी देर खामोश रहे और फिर पति ने कहा “उनमें और हम लोगों में यही अंतर है कि हम एक-दूसरे को गलती के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं, जबकि वे खुद को गलती मानने को तैयार रहते हैं। इस वजह से उनका परिवार खुशहाल है।”
झगड़ालू पति-पत्नी को अपनी गलती का अहसास हो चुका था और उन्होंने इस घटना से भविष्य के लिए सबक भी ले लिया था।
निष्कर्ष है ये कि…
पति-पत्नी एक गाड़ी के दो पहिए के समान होते हैं। एक में भी यदि कोई समस्या है तो गाड़ी ठीक से नहीं चल पाती। गृहस्थी की गाड़ी आपसी सामंजस्य पर टिकी होती है। इसमें अगर जरा सा भी इगो यानी अहंकार आ जाए तो फिर इसे चलाना बहुत कठिन हो जाता है।
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