पढ़े-लिखे बेटे की बातों में आकर अनपढ़ व्यक्ति का बिजनेस हो गया चौपट, जानिए क्यों हुआ ऐसा?

किसी भी बिजनेस में सफलता के लिए दो चीजों का होना बहुत जरूरी है एक सकारात्मक सोच और दूसरा क्वालिटी मेंटेन। इन दोनों चीजों के साथ जो व्यक्ति समझौता करता है या इन्हें इग्नोर करता है, उसे बिजनेस में सफलता मिलने में संदेह बना रहता है। 
 

Manish Meharele | Published : Apr 12, 2022 8:47 AM IST

उज्जैन. पॉजिटिव सोच और क्वालिटा मेंटेन ही बिजनेस में सफलता का मंत्र है। Asianetnews Hindi Life Management सीरीज चला रहा है। इस सीरीज के अंतर्गत आज हम आपको ऐसा प्रसंग बता रहे हैं जिसका सार यही है कि बिजनेस में सकारात्मक सोच ही आपको आगे ले जा सकती है।

 
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जब चलता हुआ बिजनेस हो गया ठप्प
किसी बहुत बड़ी कंपनी के बाहर ठेला लगाकर एक आदमी समोसे बेचता था। उसके समोसों की क्वालिटी दूसरों दुकानदारों से बहुत बेहतर थी, इसलिए रोजाना उसका माल बिक जाता है। वह मुनाफे से ज्यादा गुणवत्ता पर ध्यान देता था, इसलिए उसके समोसों की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती गई।
कुछ समय बाद उसने उसी जगह एक छोटी सी दुकान खरीद ली और व्यापार करने लगा। समोसे बेचने वाल व्यक्ति ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं था, इसलिए इसे बिजनेस में होने वाले उतार-चढ़ाव के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। वह तो बस अपना काम ईमानदारी से करता था।
ऐसे ही समय निकलता गया। उसने अपने बेटे को बिजनेस की पढ़ाई करने के लिए बड़े कॉलेज में भेजा। उसे लगा कि उसका बेटा बिजनेस की पढ़ाई कर व्यापार को और आगे ले जाएगा। कुछ समय बाद जब उसका बेटा लौटा तो उसने पिता को व्यापार में कुछ बदलाव लाने को कहा, जिससे मुनाफा बढ़ाया जा सके।
उसके कहने पर पिता ने समोसे का साइज छोटा कर दिया, गुणवत्ता में भी कमी कर दी। जो चीजें समोसे की क्वालिटी बेहतर बनाती थी, उसमें कटौती कर दी। पिता इन बदलावों से खुश तो नहीं था, लेकिन उसे लगा बेटा बिजनेस की पढ़ाई करके लौटा है, उसकी राय माननी चाहिए।
कुछ दिनों बाद समोसे की बिक्री प्रभावित होने लगी। पहले जहां समोसे खाने वालों की लाइन लगा करती थी, वहीं अब समोसे बचने लगे जो अगले दिन किसी काम को नहीं होते था। देखते ही देखते उसका बिजनेस आधा हो गया। 
बेटे ने पिता को बताया कि ये मंदी का असर है। पिता को भी उसकी बात सच लगी। धीरे-धीरे निगेटिव बातें सोचते-सोचते उनका बिजनेस पूरी तरह से ठप्प हो गया।

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निष्कर्ष ये है कि…
बिजनेस में पॉजिटिव सोच और क्वालिटी ज्यादा अहमियत रखती है। अगर आपकी सोच निगेटिव है और आप क्वालिटी के साथ समझौता कर रहे हैं तो जल्दी ही आपका बिजनेस पर इसका निगेटिव असर दिखने लगेगा।


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