Magh Maas 2023: कब से शुरू हो रहा है हिंदू पंचांग का 11वां महीना माघ, क्यों खास है ये महीना?

Magh month 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, एक वर्ष में 12 महीने होते हैं। इन सभी महीनों का अलग-अलग नाम, महत्व व देवता बताए गए हैं। हिंदू पंचांग के 11वें महीने का नाम माघ है। इस बार माघ मास 7 जनवरी से 5 फरवरी तक रहेगा।
 

Manish Meharele | Published : Jan 3, 2023 4:31 AM IST

उज्जैन. धर्म ग्रंथों में माघ मास (Magh Maas 2023) का विशेष महत्व बताया गया है। ये हिंदू पंचांग का 11वां महीना है। इस बार इसकी शुरूआत 7 जनवरी से हो रही है जो 5 फरवरी तक रहेगा। इस महीने में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने और नदी में नहाने का महत्व बताया गया है। कई विशेष व्रत-त्योहार भी इस महीने में मनाए जाते हैं, जिनमें गुप्त नवरात्रि, बसंत पंचमी, मौनी अमावस्या आदि प्रमुख हैं। इस महीने में संगम तट पर 1 महीने तक माघ मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें हजारों भक्त वहीं रहकर पूजा-पाठ आदि करते हैं। इसे कल्पवास कहा जाता है। आगे जानिए माघ मास का महत्व… 


गंगा स्नान का विशेष महत्व
धर्म ग्रंथों के अनुसार, माघ मास में गंगा स्नान करने का विशेष महत्व है। यही कारण है कि इस महीने में प्रयाग, काशी, नैमिषारण्य, कुरुक्षेत्र, हरिद्वार व अन्य स्थानों पर भक्तों की भीड़ उमड़ती है। मान्यता है कि इस महीने में स्वयं भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं। जिसके चलते गंगा नदी में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।


सूर्य पूजा भी करें इस महीने में
धर्म ग्रंथों के अनुसार, माघ मास में सूर्यदेव की पूजा भी रोज करनी चाहिए। सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद सूर्यदेव को तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। इस जल में कुमकुम, चावल और लाल फूल मिलाएं तो और भी शुभ रहता है। संभव हो तो नहाने के पानी में 2 बूंद गंगाजल मिला लें, इससे घर बैठे ही आपको गंगा स्नान का फल मिल सकता है। माघ मास में ही रथ सप्तमी का व्रत किया जाता है, जिसमें सूर्यदेव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस महीने में जरूरमंदों को दान भी जरूर देना चाहिए। ऐसा करने से जाने-अनजाने में हुए पापों से मुक्ति मिलती है।


माघ मास के प्रमुख व्रत-त्योहार
माघ मास में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। तिल चतुर्थी, रथसप्तमी और भीष्माष्टमी, गुप्त नवरात्रि, बसंत पंचमी आदि। इस महीने में तिल से जुड़े भी कई व्रत किए जाते हैं जैसे- षटतिला एकादशी, तिलकुट चतुर्थी आदि। धर्म ग्रंथों के अनुसार, माघ मास में ही यमराज ने तिल का निर्माण किया और राजा दशरथ ने उन्हें पृथ्वी पर लाकर खेतों में बोया। देवगण ने भगवान विष्णु को तिलों का स्वामी बनाया। इसलिए इस महीने में तिल का उपयोग पूजा आदि में विशेष रूप से किया जाता है।


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