Mahashivratri 2022: राहु-केतु का ये दोष कर देता है जीवन बर्बाद, इससे बचने के लिए आज करें ये उपाय

आज (1 मार्च, मंगलवार) महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2022) है। इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। भगवान शिव को प्रसन्न करने और परेशानियों से बचने के लिए भी इस दिन कई ज्योतिषीय व तंत्र-मंत्र से संबंधित उपाय किए जाते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Mar 1, 2022 2:54 AM IST

उज्जैन. ज्योतिष के अनुसार, जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) हो, वे अगर इस दिन इस दोष के निवारण के लिए उपाय व पूजा करें तो शुभ फलों की प्राप्ति होती है तथा कालसर्प दोष के दुष्प्रभाव में कमी आती है।  ये योग राहु और केतु के कारण कुंडली में बनाता है। जब राहु और केतु के बीच में अन्य सभी ग्रह आ जाते हैं तब ये योग बनता है। ज्योतिष शास्त्र व धर्म ग्रंथों में राहु को सांप का मुख और केतु को पूँछ माना गया है। 

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कितने प्रकार का होता है कालसर्प दोष?
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, कालसर्प दोष मुख्य रूप से 12 प्रकार का होता है, इसका निर्धारण जन्म कुंडली देखकर ही किया जा सकता है। प्रत्येक कालसर्प दोष के निवारण के लिए अलग-अलग उपाय हैं। यदि आप जानते हैं कि आपकी कुंडली में कौन का कालसर्प दोष है तो उसके अनुसार आप महाशिवरात्रि पर उपाय कर सकते हैं। कालसर्प दोष के प्रकार व उनके उपाय इस प्रकार हैं-

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पद्म कालसर्प दोष
1. पद्म कालसर्प दोष होने पर महाशिवरात्रि से प्रारंभ करते हुए 40 दिनों तक रोज सरस्वती चालीसा का पाठ करें।
2. जरुरतमंदों को पीले कपड़ों का दान करें और तुलसी का पौधा लगाएं।

महापद्म कालसर्प दोष
1. महापद्म कालसर्प दोष के निदान के लिए हनुमान मंदिर में जाकर सुंदरकांड का पाठ करें।
2. शिवरात्रि पर गरीब, असहायों को भोजन करवाकर दान-दक्षिणा दें।

तक्षक कालसर्प दोष
1. तक्षक कालसर्प योग के निवारण के लिए 11 नारियल बहते हुए जल में प्रवाहित करें।
2. सफेद कपड़े और चावल का दान करें।

विषधर कालसर्प दोष
1. विषधर कालसर्प दोष के निदान के लिए परिवार के सदस्यों की संख्या के बराबर नारियल लेकर एक-एक नारियल पर उनका हाथ लगवाकर बहते हुए जल में प्रवाहित करें।
2. महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के मंदिर में जाकर यथाशक्ति दान-दक्षिणा दें।

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शेषनाग कालसर्प दोष
1. शेषनाग कालसर्प दोष होने पर लाल कपड़े में थोड़े से बताशे व सफेद फूल बांधकर सिरहाने रखें और उसे अगले दिन सुबह उन्हें नदी में प्रवाहित कर दें।
2. महाशिवरात्रि पर गरीबों को दूध व अन्य सफेद वस्तुओं का दान करें।

अनन्त कालसर्प दोष
1. अनन्त कालसर्प दोष होने पर महाशिवरात्रि पर एकमुखी, आठमुखी अथवा नौमुखी रुद्राक्ष धारण करें।
2. यदि इस दोष के कारण स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है, तो रांगे (एक धातु) से बना सिक्का नदी में प्रवाहित करें।

कुलिक कालसर्प दोष
1. कुलिक नामक कालसर्प दोष होने पर दो रंग वाला कंबल अथवा गर्म वस्त्र दान करें।
2. चांदी की ठोस गोली बनवाकर उसकी पूजा करें और उसे अपने पास रखें।

वासुकि कालसर्प दोष
1. वासुकि कालसर्प दोष होने पर रात को सोते समय सिरहाने पर थोड़ा बाजरा रखें और सुबह उठकर उसे पक्षियों को खिला दें।
2. महाशिवरात्रि पर लाल धागे में तीन, आठ या नौमुखी रुद्राक्ष धारण करें।


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शंखपाल कालसर्प दोष
1. शंखपाल कालसर्प दोष के निवारण के लिए 400 ग्राम साबूत बादाम बहते जल में प्रवाहित करें।
2. महाशिवरात्रि पर शिवलिंग का दूध से अभिषेक करें।

कर्कोटक कालसर्प दोष
1. कर्कोटक कालसर्प योग होने पर बटुकभैरव के मंदिर में जाकर उन्हें दही-गुड़ का भोग लगाएं और पूजा करें।
2. महाशिवरात्रि पर शीशे के आठ टुकड़े नदी में प्रवाहित करें।

शंखचूड़ कालसर्प दोष
1. शंखचूड़ कालसर्प दोष की शांति के लिए महाशिवरात्रि की रात सोने से पहले सिरहाने के पास जौ रखें और उसे अगले दिन पक्षियों को खिला दें।
2. पांचमुखी, आठमुखी या नौमुखी रुद्राक्ष धारण करें।

घातक कालसर्प दोष
1. घातक कालसर्प दोष के निवारण के लिए पीतल के बर्तन में गंगाजल भरकर अपने पूजा स्थल पर रखें।
2. चारमुखी, आठमुखी और नौमुखी रुद्राक्ष हरे रंग के धागे में धारण करें।


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