Manu Smriti Life Mangment: हमारे धर्म ग्रंथों में लाइफ मैनेजमेंट के अनेक सूत्र बताए गए हैं। ये सूत्र आज के समय में भी प्रासंगिक हैं। मनु स्मृति में एक जगह बताया गया है कि शाम को कौन-से 4 काम करने से बचना चाहिए, नहीं तो जीवन में परेशानियां बनी रहती हैं।
उज्जैन. मनु स्मृति (Manu Smriti) हिंदू धर्म का एक प्रमुख ग्रंथ है। इस ग्रंथ में लाइफ मैनेजमेंट (Life Mangment) से जुड़ी अनेक बातें बताई गई हैं। इन बातों का ध्यान रखा जाए तो कई तरह की परेशानियों से बचा जा सकता है। मनु स्मृति के एक श्लोक में बताया गया है कि शाम के समय कौन-से 4 काम करने से बचना चाहिए, नहीं तो बुरा समय आने से कोई नहीं रोक सकता है। इन 4 में से कोई न कोई काम हम जाने-अनजाने में कर बैठते हैं, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। आगे जानिए कौन-से हैं वो 4 काम…
वारि खलु काय्र्याणि सन्ध्याकाले विवर्जयेत ॥
आहारं मैथुनं निद्रां स्वाध्यायञ्च चतुर्थकम् ॥
अर्थ- भूलकर भी ये 4 काम शाम को नहीं करना चाहिए- भोजन, मैथुन, नींद और स्वाध्याय।
शाम को न करें भोजन
धर्म ग्रंथों में हर काम के लिए एक समय निश्चित किया गया है। भोजन के लिए भी समय नियत है। शाम का समय भोजन के लिए उपयुक्त नहीं है। इसलिए शाम के समय भोजन करने से बचना चाहिए। जो लोग शाम के समय भोजन करते हैं उन्हें पेट संबंधी बीमारियां जैसे अपच, गैस, पेट में जलन, पेट दर्द, कब्ज आदि हो सकती हैं।
शाम को न करें मैथुन
प्राचीन कथाओं के अनुसार, एक बार ऋषि कश्यप ने शाम के समय अपनी पत्नी दिति के साथ संसर्ग किया, जिसके फलस्वरूप हिरण्यकशिपु और हिरण्यकश्यप जैसे दैत्य उत्पन्न हुए। इसलिए शाम को स्त्री प्रसंग नहीं करना चाहिए। सेहत पर भी इसका निगेटिव असर पड़ता है।
शाम को सोएं नहीं
शाम का समय सोने के लिए भी उपयुक्त नहीं है। शाम के जो लोग सोते हैं उन्हें अपने जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे लोग शारीरिक रूप से कमजोर हो जाते हैं और समाज में अपमान की स्थिति का सामना भी इन्हें करना पड़ता है। इसलिए शाम को भूलकर भी न सोएं।
शाम को न करें वेद पाठ
मनु संहिता के अनुसार, शाम को वेद पाठ नहीं करना चाहिए। इसलिए सुबह का समय ही नियत है। शाम के वेद पाठ करने से देवी-देवता नाराज होते हैं और इसका नकारात्मक असर हमारे जीवन पर हो सकता है। वेद पाठ के लिए ब्रह्म मुहूर्त का समय सर्वश्रेष्ठ रहता है।
ये भी पढ़ें-
Makar Sankranti 2023: क्यों खाई जाती मकर संक्रांति पर ये खास ’डिशेस’, क्या है इसमें छिपा साइंस कनेक्शन?
Makar Sankranti 2023: किस दिन मनाएं मकर संक्रांति 14 या 15 को? जानें शुभ योग और मुहूर्त के बारे में ?
Makar Sankranti 2023: 20वीं सदी में 36 बार 15 जनवरी को मनाई जाएगी मकर संक्रांति, क्यों आ रहा है ये अंतर?
Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।