आज Nagpanchami पर भूलकर भी न करें ये काम, नहीं तो राहु-केतु के दोष कर सकते हैं आपको परेशान

Published : Aug 13, 2021, 08:55 AM ISTUpdated : Aug 13, 2021, 10:41 AM IST
आज Nagpanchami पर भूलकर भी न करें ये काम, नहीं तो राहु-केतु के दोष कर सकते हैं आपको परेशान

सार

सावन (Sawan) माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर शिव जी और नाग देवता की विशेष पूजा की जाती है। इस पर्व को नागपंचमी (Nagpanchami) कहा जाता है, इस बार ये पर्व 13 अगस्त, शुक्रवार को है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस दिन नागदेवता की पूजा करने से कई तरह के दोषों का शमन हो जाता है और सर्प भय से मुक्ति मिलती है।

उज्जैन. नागपंचमी से जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं भी हैं। जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) होता है, उनके लिए नागपंचमी ((Nagpanchami 2021) का पर्व  बहुत ही खास होता है क्योंकि इस दिन किए गए उपायों से दोष के अशुभ फल में कमी आती है। इस पर्व से जुड़ी और भी कई परंपराएं और मान्यताएं हैं। आगे जानिए इस पर्व और सांपों से जुड़ी कुछ खास बातें…

जीवित सर्प की न करें पूजा
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक नागपंचमी पर जीवित सांप की भूलकर भी पूजा न करें। इससे राहु-केतु से संबंधित दोष लगता है, जिसके कारण आपके जीवन में परेशानियां आ सकती हैं।  नाग पंचमी (Nagpanchami 2021) पर नागदेव की प्रतिमा या तस्वीर की पूजा करनी चाहिए। दूध भी प्रतिमा पर ही चढ़ाना चाहिए। सांप को दूध पिलाने से भी बचें। जीवित सांप के लिए दूध विष की तरह होता है।

ये है मणिधारी सांप की सच्चाई
जीव विज्ञान के अनुसार, मणिधारी सांप की मान्यता पूरी तरह से अंधविश्वास है, क्योंकि दुनिया में अभी तक जितने भी प्रकार के सांपों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है, उनमें से एक भी सांप मणिधारी नहीं है। 

दो मुंह वाले सांप की हकीकत
जीव विज्ञान के अनुसार, किसी भी सांप के दोनों सिरों पर मुंह नहीं होते। हर सांप का एक ही मुंह होता है। कुछ सांपों की पूंछ नुकीली न होकर मोटी और ठूंठ जैसी दिखाई देती है। चालाक सपेरे ऐसे सांपों की पूंछ पर चमकीले पत्थर लगा देते हैं जो आंखों की तरह दिखाई देते हैं और देखने वाले को यह लगता है कि इस सांप को दोनों सिरों पर दो मुंह हैं।

बीन की धुन पर नाचने का सच 
सांपों की नजर ऐसी है कि वह केवल हिलती-डुलती वस्तुओं को देखने में अधिक सक्षम हैं बजाए स्थिर वस्तुओं के। सपेरे की बीन को इधर-उधर लहराता देखकर नाग उस पर नजर रखता है और उसके अनुसार ही अपने शरीर को लहराता है और लोग समझते हैं कि सांप बीन की धुन पर नाच रहा है।

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