पापांकुशा एकादशी आज: अशुभ फल से बचने के लिए इस दिन कौन-से काम नहीं करना चाहिए

Published : Oct 16, 2021, 09:57 AM IST
पापांकुशा एकादशी आज: अशुभ फल से बचने के लिए इस दिन कौन-से काम नहीं करना चाहिए

सार

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पापांकुशा एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 16 अक्टूबर, शनिवार को है। इस एकादशी पर भगवान पद्मनाभ की पूजा की जाती है।

उज्जैन. मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से तप के समान फल की प्राप्ति होती है। लेकिन एकादशी के दिन कुछ कार्यों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए। ऐसे कार्यों को करने से जीवन में परेशानियां और कष्ट बढ़ जाते हैं। आगे जानिए कौन-से हैं वो काम…

मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए

एकादशी के पावन दिन मांस- मंदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन ऐसा करने से जीवन में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस दिन व्रत करना चाहिए। अगर आप व्रत नहीं करते हैं तो एकादशी के दिन सात्विक भोजन का ही सेवन करें। 

महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए
एकादशी पर महिलाओं का अपमान करने से व्रत का फल नहीं मिलता है। सिर्फ एकादशी के दिन ही नहीं व्यक्ति को किसी भी दिन महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए। जो व्यक्ति महिलाओं का सम्मान नहीं करते हैं उन्हें जीवन में कई तरहों की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

गुस्सा न करें
एकादशी का पावन दिन भगवान विष्णु की अराधना का होता है, इस दिन सिर्फ भगवान का गुणगान करना चाहिए। एकादशी के दिन गुस्सा नहीं करना चाहिए और वाद-विवाद से दूर रहना चाहिए। 

शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए
एकादशी पर शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए, इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।

चावल का सेवन न करें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी के पावन दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन चावल का सेवन करने से मनुष्य का जन्म रेंगने वाले जीव की योनि में होता है। इस दिन जो लोग व्रत नहीं रखते हैं, उन्हें भी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।

पापांकुशा एकादशी के बारे में ये भी पढ़ें

16 अक्टूबर को इस विधि से करें पापांकुशा एकादशी, इस व्रत को करने से होता है पापों का प्रायश्चित

PREV

Recommended Stories

Rukmini Ashtami 2025: कब है रुक्मिणी अष्टमी, 11 या 12 दिसंबर?
Mahakal Bhasma Aarti: नए साल पर कैसे करें महाकाल भस्म आरती की बुकिंग? यहां जानें