Shukra Pradosh 2022: शुक्र प्रदोष 13 मई को, इस व्रत की कथा सुनने से नहीं होती धन-संपत्ति की कमी

धर्म ग्रंथों के अनुसार, हर महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत किया जाता है। इस व्रत में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल यानी शाम के समय की जाती है, इसलिए इस व्रत का प्रदोष रखा गया है।

Manish Meharele | Published : May 11, 2022 5:21 AM IST

उज्जैन. पुराणों में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व व नियम बताए गए हैं। ये व्रत विभिन्न वारों के साथ मिलकर अलग-अलग योग बनाता है जैसे यदि सोमवार को त्रयोदशी हो तो ये सोम प्रदोष कहलाता है। इस तरह हर प्रदोष व्रत की कथा भी अलग है। इस बार 13 मई, शुक्रवार को वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इस दिन शुक्र प्रदोष (Shukra Pradosh 2022) का व्रत किया जाएगा। आगे जानिए शुक्र प्रदोष की कथा…

ये है शुक्र प्रदोष व्रत की कथा (Shukra Pradosh 2022 Ki Katha)
किसी समय एक नगर में 3 मित्र रहते थे। इनमें से एक राजकुमार था, दूसरा ब्राह्मण पुत्र था और तीसरा व्यापारी का पुत्र था। ये तीनों मित्र विवाहित थे, लेकिन व्यापारी पुत्र का गौना शेष था। यानी वो अभी तक अपनी पत्नी को घर लेकर नहीं आया था। एक दिन तीनों मित्र बातें कर रहे थे। तब ब्राह्मण कुमार ने कहा कि “नारीहीन घर भूतों का डेरा होता है।” 
जब व्यापारी के पुत्र ने ये सुना तो उसने अपनी पत्नी को लाने का निश्चय कर लिया। व्यापारी ने अपने पुत्र को समझाया कि अभी शुक्र देवता डूबे हुए हैं। ऐसे में बहू की विदाई करवाना शुभ नहीं है। लेकिन व्यापारी के पुत्र ने पिता की बात नहीं मानी और वो पत्नी को लेने ससुराल पहुंच गया। विदाई के बाद पति-पत्नी शहर से निकले ही थे कि बैलगाड़ी का पहिया निकल गया और बैल की टांग टूट गई।
जैसे-तैसे उन्होंने आगे का सफर जारी रखा, तभी रास्ते में उन्हें डाकुओं ने पकड़ लिया और सारी धन-संपत्ति लूट ली। जैसे-तैसे दोनों पति-पत्नी घर पहुंचें। वहां पहुंचते ही व्यापारी के पुत्र को सांप ने काट लिया। वैद्य ने बताया कि ये 3 दिन में मर जाएगा। जब ब्राह्मण पुत्र को इस बात का पता चला तो उसने परिवार के सभी लोगों को शुक्र प्रदोष का व्रत करने की सलाह दी।
व्यापारी पुत्र के माता-पिता और पत्नी सहित सभी लोगों ने पूरे विधि-विधान से शुक्र प्रदोष का व्रत किया। शुक्र प्रदोष के प्रभाव से व्यापारी का पुत्र ठीक हो गया और उनके सभी दुख भी दूर हो गए। जो व्यक्ति शुक्र प्रदोष की कथा सुनता है शुक्र देवता उसकी हर मनोकामना पूरी करते हैं और उसके जीवम में कभी धन-संपत्ति की कोई कमी नहीं रहती।

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