Sant Tukaram Temple: कौन थे संत तुकाराम, जिनके मंदिर का PM Narendra Modi ने पुणे में किया लोकार्पण?

Published : Jun 14, 2022, 04:58 PM IST
Sant Tukaram Temple: कौन थे संत तुकाराम, जिनके मंदिर का PM Narendra Modi ने पुणे में किया लोकार्पण?

सार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आज (14 जून, मंगलवार) महाराष्ट्र (PM Modi in Maharashtra) पहुंचे। यहां उन्होंने पुणे में संत तुकाराम शिला मंदिर (Sant Tukaram Shila Mandir) का लोकार्पण किया।

उज्जैन. संत तुकाराम के मंदिर का लोकार्पण करने के दौरान पीएम ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि “संत तुकाराम ने समाज से ऊंच-नीच का भेद मिटाया। वीर सावरकर भी जेल में संत तुकाराम के अभंग गाया करते थे। हम दुनिया की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक हैं। इसका श्रेय भारत की संत परंपरा को जाता है।” इस दौरान पीएम मोदी ने संत तुकाराम पालकी मार्ग का निर्माण 3 चरणों में पूरा करने की घोषणा भी की। सभी चरणों में 350 किमी से अधिक लंबाई के हाईवे बनेंगे और इस पर 11 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च किया जाएगा। इस कार्यक्रम में उनके साथ भारतीय जनता पार्टी के अन्य वरिष्ट नेता भी उपस्थित थे। 

जानिए कौन थें संत तुकाराम? (Know who was Sant Tukaram?)
- संत तुकाराम के बारे में कहा जाता है कि वे 17वीं सदी के महान संत और कवि थे, जो भारत में लम्बे समय तक चले भक्ति आन्दोलन के एक प्रमुख थे। उनका जन्म देहू नामक गांव 1598 में हुआ था। 
- हालांकि इनके जन्म समय को लेकर विद्वानों में मतभेद भी है। उनके पिता बोल्होबा और माता का नाम कनकाई था। जब वे 18 वर्ष के थे, तब उनके माता-पिता का स्वर्गवास हो गया। 
- उसी समय देश में भीषण अकाल पड़ा, जिसमें उनकी पत्नी और छोटे बालक की मृत्यु हो गई। इस कारण उनका मन संसार से विरक्त हो गया। उन्होंने दूसरा विवाह भी किया, लेकिन वो भी सफल नहीं हो पाया। 
- मन की शांति के लिए वे गाँव के समीप भावनाथ नामक पहाड़ी पर जाते और भगवान् विट्ठल के स्मरण करते। एक दिन चैतन्य नामक साधु ने उन्हें रामकृष्ण हरि मन्त्र का उपदेश दिया। 
- इसके बाद उनके जीवन की दिशा और दशा दोनों बदल गई। उन्होंने अपने जीवन काल में ऊंच-नीच का भेद समाप्त करने के लिए काफी प्रयास किया। 1571 में उन्होंने देह त्याग दी।
- संत तुकाराम ने इस बात पर बल दिया कि सभी मनुष्य परमपिता ईश्वर की संतान हैं और इस कारण समान हैं। संत तुकाराम को महाराष्ट्र में वरकरी समुदाय के लोगों द्वारा पूजा जाता है। 
- संत तुकाराम के निधन के बाद एक शिला मंदिर बनाया गया था, लेकिन इसे औपचारिक रूप से मंदिर के रूप में तैयार नहीं किया गया था। इसमें संत तुकाराम की मूर्ति मौजूद है। पीएम मोदी ने उसी मंदिर का उद्घाटन किया है। 

 

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