Ramadan 2022: जानिए कब से शुरू हो रहा है रमजान माह, इस महीने में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

मुस्लिम समाज का पवित्र महीना रमजान (Ramadan 2022) शुरू होने वाला है। अगर 1 अप्रैल की रात चांद नजर आ गया तो 2 अप्रैल से रमजान प्रारंभ हो सकता है और यदि 2 अप्रैल की रात चांद दिखाई देता है, तो फिर अगले दिन यानी 03 अप्रैल से रोजा रखा जाएगा।

Manish Meharele | Published : Mar 30, 2022 11:39 AM IST

उज्जैन. रमजान इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना है। इस महीने का समापन ईद-उल-फितर के साथ होता है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, इस महीने में ही अल्लाह से पैगंबर मोहम्मद साहब को कुरान की आयतें मिली थीं। इसी कारण इस महीने में मुस्लिम समाजजन रोजा रखकर खुदा की इबादत करते हैं। रमजान के पहले 10 दिन रहमत के होते हैं। मुस्लिम समुदाय के लोग इस पूरे महीने सुबह से शाम तक उपवास करते हैं फिर इफ्तार के बाद खास तरह की नमाज अदा की जाती है। 

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क्या होता है सहरी और इफ्तार?
रमजान माह में सूरज उगने से पहले खाना खाया जाता है, जिसे सहरी कहते हैं। सहरी के बाद दिन भर रोजा रखा जाता है यानी कुछ भी खाया-पिया नहीं जाता। फिर शाम को सूरज ढलने के बाद नमाज पढ़ते हैं और रोजा खोलते हैं। इसे ही इफ्तार या इफ्तारी कहा जाता है। जानिए इस महीने में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए…

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1. रोजे का खास कायदा यह है कि सूरज निकलने से पहले सहरी कर के रोजा रखा जाता है। जबकि सूरज डूबने के बाद इफ्तार होता है। जो लोग रोजा रखते हैं वो सहरी और इफ्तार के बीच कुछ भी नहीं खा-पी सकते।
2. रोजे का मतलब सिर्फ अल्लाह के नाम पर भूखे-प्यासे रहना ही नहीं है। इस दौरान आंख, कान और जीभ का भी रोजा रखा जाता है। इसका मतलब ये है कि कुछ बुरा न देखें, न बुरा सुनें और न ही बुरा बोलें।
3. रोजे के दौरान मन में बुरे विचार या शारीरिक संबंधों के बारे में सोचने की भी मनाही होती है। शारीरिक संबंध बनाने से रोजा टूट जाता है।
4. रोजा रखने वाले को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि दांत में फंसा हुआ खाना जानबूझकर न निगलें। नहीं तो रोजा टूट जाता है।
5. इस्लाम में कहा गया है कि रोजे की हिफाजत जुबान से करनी चाहिए। इसलिए किसी की बुराई नहीं करनी और किसी का दिल न दुखे इसलिए सोच-समझकर बोलना चाहिए।

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