सार
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू नववर्ष (Hindu New Year 2079) आरंभ होता है। इस बार ये तिथि 2 अप्रैल शनिवार को है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार विक्रम संवत् 2079 (Vikram Samvat 2079) आरंभ होगा, जिसका नाम नल रहेगा।
उज्जैन. इस बार हिंदू नववर्ष का आरंभ शनिवार (2 अप्रैल) से शुरू हो रहा है, इसलिए इस वर्ष के राजा शनिदेव रहेंगे, वहीं मंत्री पद देवगुरु बृहस्पति के पास रहेगा।अन्य मंत्रिमंडल में सस्येश सूर्य, मेधेश बुध, दुर्गेश बुध, धनेश शनि, रसेश मंगल, धान्येश शुक्र, निरसेश शनि और फलेश मंगल होंगे। इन सभी ग्रहों का शुभ-अशुभ प्रभाव देश-दुनिया पर देखने को मिलेगा। इस बार ग्रहों के मंत्रिमंडल में चार पद सौम्य ग्रहों को छह पद क्रूर ग्रहों को प्राप्त हुए हैं। आगे जानिए किस ग्रह को इस बार कौन-सा पद मिला है और उसका कैसा प्रभाव देखने को मिलेगा…
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विक्रम संवत 2079 का राजा है शनि
ज्योतिषियों के अनुसार, जिस वर्ष का राजा शनि होता है, उस साल देश-दुनिया में युद्ध, दंगे और अराजकता का माहौल रहता है। जनहानि की संभावना बनती है। अकाल के योग भी बनते हैं। प्राकृतिक आपदाएं आने से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। राजनैतिक अस्थितरता का माहौल रहता है। मंहगाई लगातार बढ़ती रही है, जिससे जनता त्रस्त रहती है।
विक्रम संवत 2079 के मंत्री हैं गुरु
ज्योतिषियों के अनुसार, जिस वर्ष के मंत्री देवगुरु बृहस्पति होते हैं, उस समय फसलों का पैदावार अच्छी होती है। बारिश के योग भी अच्छे बनते हैं। कई जगह अत्यधिक बारिश के कारण स्थिति बिगड़ भी जाती है। शासन की योजनाओं का लाभ जनता को मिलता है।
मेधेश बुध
ज्योतिषियों के अनुसार, इस साल का मेधेश बुध होने से अन्न का उत्पादन काफी अधिक होगा, वहीं धार्मिक आयोजनों में वृद्धि होगी। सुख का वातावरण बना रहेगा।
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सस्येश सूर्य
ज्योतिषियों के अनुसार, सस्येश सूर्य होने से गेहूं का बाजार स्थिर रहेगा। इस वर्ष इसमें ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को नहीं मिलेगा। हालांकि गेहूं का कालाबाजारी हो सकती है। महंगाई में वृद्धि के योग भी बनेंगे।
दुर्गेश बुध
ज्योतिषियों के अनुसार, दुर्गेश बुध होने से व्यापारी भय मुक्त अपना काम करेंगे और बिजनेस में तेजी के योग भी बनेंगे। पड़ौसी देशों से मैत्रीपूर्ण व्यवहार बने रहेंगे। किसी तरह की कोई गलत हरकत उनके द्वारा नहीं की जाएगी।
धनेश शनि
इससे किसानों और व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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रसेश मंगल
कुछ स्थानों पर पानी की कमी के कारण परेशानी उठानी पड़ सकती है।
निरसेश शनि
ज्योतिषियों के अनुसार, शनि निरसेश होने से धातुओं और ऊनी वस्त्र आदि के बाजार तेज रहेंगे।
फलेश मंगल
ज्योतिषियों के अनुसार, फलेश मंगल होने से फल और फूलों की खेती अच्छी होगी।
धान्येश शुक्र
ज्योतिषियों के अनुसार, धान्येश शुक्र होने से दूध व उससे बनने वाली चीजों के उत्पादन में कमी आ सकती है।
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